डीडवाना : उपखंड अधिकारी पर भ्रष्टाचार अन्यायपूर्ण कारवाई करने का आरोप

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– उपखंड अधिकारी रीडर सहित अन्य लोगों के खिलाफ विभागीय जाँच कर न्याय दिलवाने की मांग
– भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में हुई शिकायत
डीडवाना। उपखंड क्षेत्र के उपखंड अधिकारी रीडर सहित अन्य लोगों पर एक मामले में भ्रष्टाचार अन्यायपूर्ण कारवाई करने का आरोप लगाए हुए।उपखंड अधिकारी रीडर सहित अन्य लोगों के खिलाफ विभागीय जाँच कर न्याय दिलवाने की मांग की गई हैं।मामले को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में इसकी शिकायत भी हुई है। शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में बताया है।उपखंड अधिकारी डीडवाना के कार्यालय में 25 जुलाई 2024 को राजस्व वाद संख्या 196/24 धारा 212 आरटी एक्ट में संख्या 127/24 पेस किया गया था।जिसमे सरहद दिनदारपूरा के पटवार हल्का दिनदारपुरा के खसरा नंबर 898/897,899/897,900/897,901/897,902/897,903/897,904/897,376,392 जो की सभी खसरान कृषि भूमि के थे। दावा के तुरंत बाद ही दी गई।नियत तारीक को बदलाव के लिए प्राथिया को नोटिस दे कर नियत तिथि में बदलाव किया। जिससे प्रार्थिया को को शक हुआ। उस दरमियान प्रार्थिया बीमार भी थी।उपखण्ड अधिकारी रीडर द्वारा हर एक दो दिन के अंतराल से पेशी देते रहे।जब पता किया तो पाया की केवल प्रार्थिया के वाद के अलावा किसी भी वाद में ऐसे नहीं किया जा रहा।एव पाया की विपक्षी पार्टी से मिल कर ये सब किया जा रहा है।जिसकी शिकायत प्रार्थिया द्वारा 27 सितंबर 2024 को जिला कलक्टर को दी गई। उसके उपरान्त भी उपखण्ड अधिकारी रीडर पर कोई असर नहीं हुआ। जब प्रार्थिया को पता चला की जिन खसरान का दावा किया गया है।उन्ही खसरान को उपखंड अधिकारी प्राधिकारी अधिकारी स्वयं ही भूरुपांतरण करने की कारवाई की जा रही है। तब प्रार्थिया द्वारा प्राधिकारी अधिकारी को 13 अगस्त 2024 को व्यक्तिगत उपस्थित होकर संबंधित खसरो के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। जाकर रिसीव्ड भी प्राप्त भी कर ली गई थी। उपरोक्त खसरान में एक सिविल वाद संख्या 116/24 में प्राधिकारी अधिकारी को व्यक्तिगत तामील भी करवा दी गई थी।प्रार्थिया द्वारा उपखंड अधिकारी से न्याय की उम्मीद ना होने पर राजस्व मंडल अजमेर में इस संबंध में एक आदेश मंडल द्वारा दिया गया।जिसमे उपखण्ड अधिकारी से बिंदु वॉर जबाब मांगा गया था।इन सबकी जानकारी होने के बावजूद भूरुपान्तरण की कार्यवाई फ़रमा दी गई।प्रार्थिया द्वारा अवगत करवाने के बाद भी खसरा संख्या 901/897 को सभी ने मिलीभगत कर 907/901,908/901 को प्राधिकारी अधिकारी द्वारा भूरुपान्तरण कर दिया गया। सब जानकारीया होने के बावजूद उपखण्ड अधिकारी ने भ्रष्टाचार कर अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया व पद का दुरुपयोग किया।उक्त प्रकरण की गहनता से जाँच करवाकर नयायपूर्ण करवाई की जाए।

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