धौलपुर: पॉश एक्ट का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना है- सुरेश प्रकाश भट्ट

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धौलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत सुरेश प्रकाश भट्ट एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रेखा यादव द्वारा एडीआर परिसर में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न पॉश एक्ट के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। जिसमे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम एवं पॉश एक्ट के बारे में जानकारी दी। अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत ने कर्मचारियों को बताया कि पॉश एक्ट का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न को रोककर महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित, गरिमापूर्ण, उत्पीड़न मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना है। किसी विभाग, संगठन, संस्था, कार्यालय, कम्पनी, अस्पताल तथा संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के अन्य कार्यस्थलों पर छेड़छाड़, अनुचित शारीरिक स्पर्श, अश्लील मौखिक टिप्पणी की शिकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पॉश एक्ट को लागू किया गया है। इसी प्रकार सचिव द्वारा उपस्थित कर्मचारियों को बताया कि पॉश एक्ट जिसका अर्थ कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम 2013 है, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकने और उससे निपटने के लिए बनाया गया है। यह अधिनियम 9 दिसंबर 2013 को लागू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना और यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच और समाधान के लिए एक तंत्र स्थापित करना है।

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