धौलपुर : मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि से ‘कृषक कल्याण’ का नया अध्याय

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धौलपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 18 अक्टूबर को भरतपुर जिले के नदबई से मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त के रूप में 717.96 करोड़ रूपये की राशि किसानों के खातों में हस्तांतरित करेंगे।
सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत के साथ ही देश के छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। इस वर्ष 2 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने 20वीं किस्त के रूप में 9.7 करोड़ किसानों को 20,500 करोड़ रूपये की राशि वितरित की।
दक ने बताया कि राजस्थान में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 30 जून 2024 को लागू कर राज्य सरकार द्वारा किसानों को सौगात दी गई। इस योजना के तहत दी जाने वाली वार्षिक सहायता 6 हजार रूपये से बढ़ाकर 8 हजार रूपये कर दी गई। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसे और बढ़ाते हुए 9 हजार रूपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की गई। उन्होंने बताया कि अब राजस्थान के किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त पहल से प्रति वर्ष 9 हजार रूपये की आर्थिक सहायता पूर्ण पारदर्शिता के साथ उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी प्रणाली से मिलेगी। यह कदम न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा। दक ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 71.79 लाख किसानों को लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि योजना के प्रचार-प्रसार में जमीनी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सक्रिय किया जा रहा है। जमीनी कार्यकर्ता योजना की जानकारी गाँव-गाँव, ढाणी-ढाणी तक पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों में जागरूकता और भागीदारी दोनों बढ़ रही हैं।
जिला कलक्टर निधि बी टी ने बताया कि योजना के अन्तर्गत चतुर्थ किस्त का हस्तातंरण 18 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से नदबई जिला भरतपुर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसका जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र पर वर्चुअल माध्यम से लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान सरकार के साथ लाभार्थी कृषकों का संवाद डीओआईटी कलेक्ट्रेट परिसर के वीसी कक्ष से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में किसानों की पात्रता की पुष्टि भूमि अभिलेखों, ई-केवाईसी, आधार और बैंक खातों के सत्यापन के बाद होती है। पात्र किसान परिवारों को ही इस योजना का लाभ दिया जाता है। प्रदेश में इस योजना का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। छोटी जोत वाले किसान जो पहले मौसम, बाजार या लागत की अनिश्चितताओं से जूझते थे, अब उनके पास बीज, उर्वरक और सिंचाई जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए एक स्थिर आर्थिक सहायता उपलब्ध है। यह समर्थन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे स्िानीय बाजारों में भी गति आती है।

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