लातूर ने जनवरी 2025 में मराठवाड़ा एजुकेशनल कन्क्लेव का आयोजन करके शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम बदलाव किया। इस आयोजन का नेतृत्व धीरज देशमुख जी, लातूर जिला बैंक के चेयरमैन, ने किया और यह स्टीम एजुकेशन सेंटर के सहयोग से हुआ। इस इवेंट ने “लातूर पैटर्न” को एक नया मोड़ दिया और अब इसे “लातूर पैटर्न 2.0” के नाम से जाना जाएगा। यह नया पैटर्न शिक्षा को ज्यादा कौशल-आधारित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
तीन दिन चले इस कन्क्लेव में 100 से ज्यादा स्टॉल्स लगे थे और यहां रोजगार, कौशल विकास, और नए शैक्षिक टूल्स जैसे एआई के इस्तेमाल पर एक्सपर्ट्स ने कई सेशंस भी किए। इस इवेंट में एक स्टॉल जिसने सबका ध्यान खींचा, वह था रीड लातूर इनिशिएटिव। एआई की दुनिया से अलग, इस इनिशिएटिव ने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में बच्चों के बीच पढ़ाई की आदत को बढ़ावा दिया है।वर्तमान मंत्री बाबासाहेब पटिल ने धीरज देशमुख के विजन और लीडरशिप की तारीफ करते हुए कहा, “अगर हमें एक नैतिक और समझदार पीढ़ी बनानी है, तो बच्चों को किताबों तक सही पहुंच देना जरूरी है।
रीड लातूर इनिशिएटिव इस काम में बहुत अहम भूमिका निभा रहा है और आने वाली पीढ़ी को तैयार करने में मदद कर रहा है।” इवेंट में बोलते हुए धीरज देशमुख ने कहा, “लातूर हमेशा से ही नयापन और बदलाव का केंद्र रहा है, चाहे वो शिक्षा हो या किसी और क्षेत्र में। मुझे पूरा विश्वास है कि अब ग्रामीण भारत ही भारत का अगला चैप्टर लिखेगा, और ऐसे इनिशिएटिव्स से हमारी युवा पीढ़ी को वो सभी कौशल और ज्ञान मिलेगा, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए चाहिए।”