धरियावद। नगर में बावड़ी पर ठुकरानी सा कल्पना कुँवर सहित महिला एव नगर के रावला चोक बड़ा मंदिर के साथ जगह जगह महिलाओ द्वारा गो माता व् उसके बछड़े की पूजा अर्चना की और व्रत रख कर कहानी सुनी इसका मुख्य उदेशय पारंपरिक लोक पर्व बछ बारस बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने गौमाता और बछड़े की विधिवत पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना की। अल सुबह से ही महिलाएं साफ-सफाई कर पूजा की थाली सजाकर गौशालाओं और घर-आंगन में बंधी गायों के पास पहुंचीं। दूध-दही, हल्दी, रोली, अक्षत, दीपक और मिठाई आदि अर्पित कर परंपरागत रीति-रिवाज के अनुसार पूजा संपन्न की गई। मान्यता है कि बछ बारस के दिन गाय-बछड़े की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करती हैं और संतान की लंबी उम्र की मंगलकामना करती हैं। इस दिन महिलाऐ अपने जेष्ठ पुत्र को श्रीफल देती हे और गाय का दुध का सेवन नही करती चाकू से कटी सब्जियों का भी उपयोग नही करती हे वही पूरे नगर एवं ग्रामीण अंचल में दिनभर धार्मिक वातावरण बना रहा। महिलाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखने को मिला।

धरियावद : बछ बारस पर महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजा
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