जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वन स्टेट-वन इलेक्शन’ की आड़ में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के चुनावों को टालकर भाजपा सरकार संविधान और कानून का खुला उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासकों की नियुक्ति कर सरकार ने जनता से उनके निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अधिकार छीन लिया है, जिससे ग्रामीण और शहरी विकास बाधित हो रहा है।
संविधान की अवहेलना का आरोप
डोटासरा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-ई और 243-यू का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक पंचायत और नगरपालिका का कार्यकाल अधिकतम 5 वर्षों का होता है, और चुनाव प्रक्रिया कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरी हो जानी चाहिए। इसके बावजूद, 49 नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं कराए गए, वहीं 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो चुका है और 704 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 31 मार्च, 2025 तक समाप्त हो जाएगा, लेकिन अब तक राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी अधिसूचना जारी नहीं की है।
चुनावों में राजनीतिक दुर्भावना का आरोप
डोटासरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद परिसीमन और पुनर्गठन का बहाना बनाकर चुनाव टाले जा रहे हैं। 2024 के “स्टेट ऑफ पंजाब बनाम बेअंत कुमार” मामले में शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि चुनावों को परिसीमन के नाम पर स्थगित नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2026 तक चुनाव न कराकर प्रशासकों के माध्यम से नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं पर नियंत्रण बनाए रखना चाहती है।
भाजपा सरकार पर पक्षपात का आरोप
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार परिसीमन और वार्ड पुनर्गठन के नाम पर राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त होकर निर्णय ले रही है। जनसंख्या के आधार पर 15% विचलन की अनुमति के बावजूद, सरकार कांग्रेस-समर्थित वार्डों को बड़ा और भाजपा-समर्थित वार्डों को छोटा करके पुनर्सीमांकन कर रही है।
‘छिपी हुई भाजपा समिति’ का पर्दाफाश
डोटासरा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि भाजपा ने एक अघोषित समिति गठित की है, जिसमें भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी और घनश्याम तिवाड़ी शामिल हैं। यह समिति जिला अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने हिसाब से परिसीमन करवा रही है।
कांग्रेस का ऐलान – सड़क से न्यायालय तक लड़ेगी लड़ाई
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेगी। प्रदेशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे, साथ ही न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के राज्यपाल और राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपेगी, ताकि निकाय और पंचायत चुनाव समय पर कराए जा सकें।राजस्थान में पंचायत और नगर निकाय चुनावों को लेकर अब राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या जनता के लोकतांत्रिक अधिकार बहाल हो पाएंगे या नहीं।



