इंडिया ब्लॉक की बैठक में संसद के विशेष सत्र की मांग

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नई दिल्ली। नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इंडिया अलायंस के तहत विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर संसद के विशेष सत्र की मांग पर आम सहमति बनाना था। बैठक के बाद सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि किन देशों ने हमारा साथ दिया। एक भी देश भारत के समर्थन में सामने नहीं आया। यह चिंताजनक है। कूटनीतिक मोर्चे पर हम असफल रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध विराम की घोषणा की। सपा नेता ने कहा कि जनता को लगता है कि हमें युद्ध विराम के लिए मजबूर किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद पूरी दुनिया में देश का सम्मान गिरा है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है, उस पर 16 राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर हैं। यह कोई सामान्य पत्र नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज़ है। हम चाहते हैं कि देश में अब तक जो कुछ भी हुआ है, उस पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप के सुझाव पर युद्ध विराम बुलाया गया था, तो विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बाद भी विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता? क्या हमें विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना चाहिए? आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 दिनों में 13 बयान दिए और उन बयानों से भारत की भावनाएं आहत हुई हैं। एक समुदाय और एक राष्ट्र के तौर पर हम आहत हैं। अगर इसके लिए संसद बुलाई जाती है तो हम एक भाषा में बात करेंगे। यह सरकार और विपक्ष का मामला नहीं है, यह जवाबदेही का मामला है।

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प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वाले राजनीतिक दलों की सूची में आप का नाम नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमारी समझ यह है कि कल शाम 6 बजे तक आम आदमी पार्टी उसी मुद्दे, उसी भावना और समान सामग्री पर प्रधानमंत्री को विशेष सत्र की मांग करते हुए पत्र लिख चुकी होगी। पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले राजनीतिक दलों की सूची में एनसीपी एससीपी का नाम नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “शरद पवार भी हमारे साथ हैं। सुप्रिया सुले प्रतिनिधिमंडल के साथ बाहर हैं। जब मैं मुंबई पहुंचूंगा, तो शरद पवार से बात करूंगा।”

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