नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी हैै। पुलिस और जांच एजेंसियां धमाके के कारणों की तह तक पहुंचने में जोरशोर से जुटी हुई हैं। वहीं शुरुआती जांच में देवेंद्र और दिनेश नाम के दो व्यक्तियों के नाम सामने आने के बावजूद अब तक दोनों की इस घटना में कोई भूमिका सामने नहीं आ सकी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमाका जिस हुंडई आई-20 कार में हुआ, उसका मालिकाना हक पहले देवेंद्र के पास था। देवेंद्र ओखला का रहने वाला है और करीब डेढ़ साल पहले उसने यह कार खरीदी थी। हालांकि, हाल ही में यानी 29 अक्टूबर को यह कार किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। वहीं इस पूरे मामले की जांच अब एनआईए करेगी। जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोट से करीब 11 घंटे पहले यह कार फरीदाबाद से लाल किले की ओर निकली थी। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, सोमवार सुबह 7:30 बजे कार सबसे पहले फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के बाहर दिखाई दी। इसके बाद सुबह 8:13 बजे बदरपुर टोल पार कर यह दिल्ली में दाखिल हुई। सुबह 8:20 बजे यह ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के पास एक पेट्रोल पंप के समीप देखी गई। दोपहर 3:19 बजे कार लाल किला परिसर के पास स्थित पार्किंग में दाखिल हुई और करीब तीन घंटे तक वहीं खड़ी रही। शाम 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली और लाल किले की ओर बढ़ी। मात्र 24 मिनट बाद यानी शाम 6:52 बजे, चलते-चलते ही कार में जोरदार विस्फोट हो गया। पुलिस को पता चला है कि जब 29 अक्टूबर को इस कार का प्रदूषण स्तर चेक कराया गया था, उस समय उसमें तीन लोग मौजूद थे। उनकी पहचान और लोकेशन का पता लगाने के लिए पुलिस तकनीकी जांच कर रही है। मामले की जांच में एक और अहम नाम उभरकर सामने आया है- डॉ. उमर मोहम्मद। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के संपर्क में है और उमर मोहम्मद की भूमिका की जांच की जा रही है। फिलहाल, दिल्ली पुलिस, एनआईए और फॉरेंसिक टीमें मिलकर हर कोण से मामले की जांच में जुटी हुई हैं।

दिल्ली विस्फोट : अब तक 12 की मौत, जांच में जुटी एजेंसियां
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