डीग। राज्य सरकार मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य की कल्याणकारी योजनाओं को जरूरतमंदों तक पहुँचाने के लिए दृढ़संकल्पित है। इसी दिशा में शुरू किए गए गिव अप अभियान को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अभियान का उद्देश्य उन लाभार्थियों की पहचान और पृथक्करण करना है, जो राजस्थान खाद्य सुरक्षा योजना के योग्य नहीं हैं, ताकि वास्तव में पात्र और जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री शर्मा द्वारा दिए गए निर्देशानुसार, राज्य की प्रत्येक जनकल्याणकारी योजना को पारदर्शी और लक्षित बनाने पर बल दिया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा संचालित गिव अप अभियान की समयसीमा को बढ़ाते हुए अब इसे 31 अगस्त 2025 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
गिव अप की लहर – डीग में 37 हजार से अधिक लोगों ने छोड़ा योजना का लाभ खाद्य विभाग करेगा अपात्रों पर कार्यवाही, वाहन व आय डेटा से की जा रही पहचान
राजस्थान खाद्य सुरक्षा नियम, 2023 के अंतर्गत आयकरदाताओं, सरकारी अथवा अर्धसरकारी कर्मचारियों, चार पहिया वाहन मालिकों (जब तक वाहन जीविकोपार्जन हेतु प्रयुक्त न हो) और एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को योजना से बाहर माना गया है। इस वर्ग को स्वयं गिव अप कर योजना से नाम हटवाने की अपील की गई है। इस मुहिम को डीग जिले में व्यापक जन सहयोग मिला है। अब तक 37295 व्यक्तियों ने स्वेच्छा से योजना का त्याग किया है, जबकि 200 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से अधिकांश ने विभाग को सहयोग देते हुए स्वयं अपना नाम योजना से हटवाया। जिला रसद अधिकारी भागू राम महला ने बताया कि अपात्र लाभार्थियों के विरुद्ध जल्द ही विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उचित मूल्य दुकानों पर औचक निरीक्षण, वाहन डेटा विश्लेषण और खाद्यान्न की वसूली जैसी कार्यवाहियाँ लागू होंगी। उन्होंने अपील की कि ऐसे परिवार जो योजना की पात्रता से बाहर आते हैं, वे 31 अगस्त 2025 से पहले स्वयं योजना का त्याग करें, अन्यथा विभागीय कार्यवाही में उत्पन्न होने वाले दंडात्मक परिणामों के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।


