जयपुर। गायत्री परिवार द्वारा ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कन्या कौशल शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में राजस्थान की 150 से अधिक बेटियों ने भाग लिया और स्वयं को सशक्त बनाने का संकल्प लिया।शांतिकुंज हरिद्वार से आईं मुख्य वक्ता पूर्णिमा पंवार ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए गायत्री मंत्र और उगते सूर्य के ध्यान के महत्व को समझाया। उन्होंने सुखी और समृद्ध जीवन जीने तथा बुद्धि को बढ़ाकर लक्ष्य भेदी बनने के महत्वपूर्ण सूत्र बताए। दो सत्रों में आयोजित इस शिविर में महिला वक्ताओं ने बेटियों को जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी सरल भाषा में दी। मोबाइल और इंटरनेट के सही उपयोग और दुरुपयोग, अनुशासन का महत्व, मेहनत और ईमानदारी की शक्ति तथा संकल्प की दृढ़ता जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया।
कार्यक्रम संयोजिका गायत्री कचोलिया ने बताया कि शिविर का मुख्य उद्देश्य बेटियों को कौशल विकास के साथ-साथ जीवन मूल्यों से भी परिचित कराना था। कार्यक्रम का संचालन दीक्षा जामवाल ने किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार जयपुर जोन समन्वयक सुशील कुमार शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी सहित अनेक वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने वेदमाता गायत्री, पं. राम शर्मा आचार्य और भगवती देवी शर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।पूर्णिमा पंवार ने बेटियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उनकी आंखों में जोश और सही-गलत की पहचान होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बेटियां शिक्षित बनें और परिवार के लिए समस्या नहीं, बल्कि समाधान का स्रोत बनें। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को शानदार बनाने और भ्रांति में न भटकने का आह्वान किया।
बेटियों को जन्मदिन पर पेड़ लगाने, भारतीय परिधान अपनाने और घर के कामों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने गलत नीयत से दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले लड़कों से सावधान रहने और किसी भी गलत गतिविधि की जानकारी अपने माता-पिता को देने की सलाह दी।निकिता पाटीदार ने बेटियों को गायत्री मंत्र का जाप और सूर्य के ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रतिभा विकसित होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। उन्होंने माता-पिता के विश्वास को कभी न तोड़ने और उन्हें किसी अनजान के लिए छोड़ने से बचने की बात कही।दीक्षा जामवाल ने बच्चियों को फास्ट फूड से दूर रहकर पौष्टिक भोजन ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया और नारी शक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नारी प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है और उसमें सभी गुण स्वाभाविक रूप से मौजूद हैं, जिन्हें विकसित करने की आवश्यकता है।



