श्रीगंगानगर। युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र के विकास की नींव है। युवा अवस्था जीवन की वह पाठशाला है जिसकी कसौटी हिम्मत, लगन और परिश्रम है। भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने व प्रदेश के स्वर्णिम भविष्य के लिए इन ऊर्जावान युवाओं को आगे लाना होगा। इनके कौशल को तराशना होगा, इनके सपनों को उचित मंच व अवसर प्रदान करने होंगे। इसी सोच के साथ माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जनकल्याण के लिये प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार युवाओं के असंभव को संभव बनाने के लिए आवश्यक कौशल एवं संबल देने के लिए कृत संकल्पित है। राज्य सरकार द्वारा युवाओं के हितार्थ राजस्थान रोजगार नीति-2025 की घोषणा कर दी गई है। इसके माध्यम से युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण तथा रोजगार की विभिन्न योजनाओं द्वारा समुचित अवसर प्रदान किए जाएंगे। योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा 500 करोड़ रूपए का विवेकानंद रोजगार सहायता कोष भी स्थापित किया जा रहा है।
राजस्थान में लगभग पांच करोड़ से अधिक युवा हैं, जो प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 69 प्रतिशत हैं। राज्य सरकार प्रदेश के उन समस्त युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके साथ संरक्षक के रूप में खड़ी है, जो एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ना चाहते हैं। युवा अपना उद्यम स्थापित कर अपने परिवार की आजीविका सुनिश्चित करने के साथ ही अन्य को भी रोजगार के अवसर प्रदान करने में सक्षम हों तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी योगदान दें। इसके लिए प्रदेश के अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों एवं 25 हजार महिला उद्यमियों को केंद्रीय बजट में घोषित स्कीम फॉर फर्स्ट टाइम एंटरप्रेन्योर्स में लाभान्वित कराया जाएगा। युवाओं के कल्याणार्थ इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा 150 करोड़ रुपए से विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना को प्रारंभ किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत दो करोड़ रूपए तक के ऋण पर आठ प्रतिशत इंट्रेस्ट सब्सिडी के साथ ही पांच लाख रूपए तक मार्जिन मनी उपलब्ध कराने का प्रावधान भी प्रस्तावित है।
कौशल, स्टार्टअप्स और कैरियर काउंसलिंग में नवाचार
युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए यह स्वर्णिम और ऐतिहासिक समय है। पिछले दस वर्षों में हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से भागीदार रहे हैं। युवाओं को रोजगारपरक कार्यों में प्रशिक्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न लक्ष्य तय किए गए हैं। इनके तहत युवाओं के कौशल उन्नयन तथा रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि हेतु इंडस्ट्री पार्टनर्स के सहयोग से प्रत्येक संभाग में सेंटर फॉर एडवांस स्किलिंग एंड कैरियर काउंसलिंग की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही 50 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना भी प्रस्तावित किया गया है। इन कार्यों के अलावा 150 करोड़ रूपए की लागत से कोटा में विश्वकर्मा स्किल इंस्टीट्यूट की स्थापना भी की जाएगी।
प्रदेश के युवा को मिल रहे सकारात्मक एवं सुरक्षित वातावरण के चलते आज प्रदेश में पांच हजार से अधिक स्टार्टअप्स के माध्यम से नवीन पीढ़ी अपने अभिनव दृष्टिकोण का उपयोग कर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित कर रही है। इनसे लगभग 36 हजार से अधिक युवा वर्तमान में जुड़े हुए हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा आगामी वर्ष में 1 हजार 500 नए स्टार्टअप्स बनाते हुए 750 से अधिक स्टार्टअप्स को आई स्टार्ट फंड्स/फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से फंडिंग उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। प्रदेश के स्टार्टअप्स को नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की दृष्टि से हैदराबाद, बेंगलुरू, दिल्ली व मुंबई में आई स्टार्ट फैसिलिटेशन डेस्क स्थापित किया जाना भी राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
शिक्षा और विज्ञानः भविष्य के लिए सशक्त बुनियाद
उच्च और तकनीकी शिक्षा का महत्व व्यक्तिगत विकास, आर्थिक प्रगति और सामाजिक सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ज्ञान, कौशल और नवाचार को बढ़ावा देती है, साथ ही व्यक्तियों को बेहतर जीवन और रोजगार के अवसर प्रदान करती है। प्रदेश में उच्च, तकनीकी, कृषि एवं स्कूल शिक्षा के विस्तार के लिए नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना के साथ ही नवीन ट्रेड्स, विषय व संकाय में सीट क्षमता में वृद्धि, संस्थाओं के संवर्धन एवं आधुनिकीकरण संबंधी विभिन्न कार्य भी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
युवाओं में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए विज्ञान शिक्षा को रोचक बनाने के साथ ही विज्ञान को केवल पाठ्यपुस्तक तक सीमित न रखते हुए व्यावहारिक गतिविधियों, प्रयोगों और चर्चाओं के माध्यम से सिखाना आवश्यक है। प्रदेश के युवाओं तथा विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के साथ ही उद्यमिता तथा नवाचार की भावना जागृत करने के लिए 1 हजार 500 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी। खगोलशास्त्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए अलवर, अजमेर एवं बीकानेर में डिजिटल प्लेनेटेरियम्स तथा भरतपुर, कोटा, अजमेर एवं बीकानेर के विज्ञान केंद्रों में इनोवेशन हब्स की स्थापना भी की जाएगी।
नवाचारों का केंद्र बनेगा राजस्थान
राष्ट्र को विकसित बनाने में युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भागीदारी है। किसी भी राष्ट्र व प्रदेश की प्रौद्योगिकियों, शोध, विज्ञान, चिकित्सा, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों की अगुवाई युवा वर्ग ही करता है। राज्य सरकार के युवा कल्याण के संकल्पों के साथ प्रदेश का युवा पूर्ण मन से साथ देगा तो निश्चित ही हमारा प्रदेश न सिर्फ राष्ट्रीय अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवाचारों व उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा।