टोंक। जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा एव बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन सिकोईडिकोन ने बाल विवाहों की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया हे । संस्था के निदेशक पीएम पाल ने कहा हे बल विवाह रोकने में धर्म गुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है। उन्होने कहा कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा । उन्होंने कहा कि इसके लिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक सामाजिक संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के टोंक में सहयोगी संगठन सिकोईडिकोन की ओर से अक्षय तृतीया एवं शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों में विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाये जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली हैए सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। संगठन ने कहा कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकताए हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोडऩे का फैसला किया। इसके सकारात्मक नतीजों को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं, इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने पाएगा। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया कैम्पेन चला रहा है। फेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए है और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। है। सिकोईडिकोन के निदेशक पी एम पाल ने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं हे कि बाल विवाह निषेध अधिनियम् (पीसीएमए) 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। रामद्वारा के संत कोमलराम जी महाराजए संत रामनिवास महाराज, सैयद असगर अली नायब काज़ी ने भी साझा प्रेस वार्ता में बोलते हुये कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन सहित सामाजिक संगठनो को जिम्मेदारी से काम करनेकी जरूरत है। उन्होने कहा की धर्मगुरुओं एवं पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला सराहनी हे। इस दौरान सिकोईडिकोन के स्थानिय संचालक देवेन्द्र जांगिड़ भी मौजूद थे। इस मोके पर बाल विवाह के संबंध में पोस्टर का भी विमोचन किया गया।

बाल विवाहों की रोकथाम में धर्म गुरुओं व पुरोहितों का सहयोग जरूरी : पीएम पाल
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