अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक संघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) का अधिवेशन

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जयपुर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि भारत की सभ्यता और संस्कृति का आधार हमारे आदर्श है। सत्य की रक्षा, त्याग, प्रण और हमारे आदर्शों के प्रसंग राष्ट्र विकास में सहयोगी रहे हैं। भारतीय जीवन पद्धति, भारतीय मूल्यों , भारतीय आदर्शों, परम्पराओं और भारतीयता का आधार भगवान राम और उनकी प्रबंधन क्षमता का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता और राष्ट्र भाव से रा‍ष्ट्रीय एकता बढती है। भारत में विभिन्न आयामों, परम्पराओं और राष्ट्रीयता को भगवान राम से जोडते है। राम के चरित्र के अनुरूप हमारी भारतीय जीवन शैली और राम मंदिर का निर्माण ही राष्ट्र मंदिर है।

देवनानी शुक्रवार को यहां मानसरोवर स्थित एक स्कूल में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान के 62वें वार्षिक अधिवेशन में राम मंदिर से राष्ट्र मंदिर की ओर विषयक देरा व्याख्यान माला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र् लोगों की भावना होती है, जुडाव होता है और समर्पण होता है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता, अखण्डता, अस्मिता, स्वाभिमान, बुराई का उन्मूलन, जन सेवा, वंचितों को साथ रखना और न्याय की स्थापना करना हमारी संवैधानिक दायित्व है।

देवनानी ने कहा अयोध्या में मंदिर निर्माण राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्राकट्य है। इससे भारत अखण्ड बना है। भेदभाव समाप्त हुआ है। इस निर्माण ने विभिन्न वर्गों के संवाद को बढावा दिया है। समाज में सहयोग और सा‍झेदारी भी बढी है। सबका साथ-सबका विकास का ध्येय भी भगवान राम का जीवन चरित्र है। शालीनता और शीतलता युवा पीढी के लिए उन्नति के आधार है। समारोह में अनेक गणमान्‍य नागरिक सहित महासंघ के सदस्यगण मौजूद थे।

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