नई दिल्ली। भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने शाह की ओर से मांगी गई माफी को “मगरमच्छ के आंसू” बताते हुए अस्वीकार कर दिया और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा – माफी बचने का तरीका, शर्मनाक टिप्पणी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “कभी-कभी माफ़ी सिर्फ बचने के लिए मांगी जाती है। आपने जिस तरह के भद्दे, अमर्यादित और विचारहीन शब्द बोले, वो एक मंत्री से नहीं बल्कि किसी जिम्मेदार नागरिक से भी अपेक्षित नहीं हैं।”कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में सिर्फ माफी पर्याप्त नहीं, बल्कि न्यायिक जांच जरूरी है ताकि समाज में एक संदेश जाए कि लोकतंत्र में भाषा की भी एक लक्ष्मण रेखा होती है।
क्या कहा था विजय शाह ने?
यह विवाद 11 मई को इंदौर जिले के महू में आयोजित हलमा कार्यक्रम में शुरू हुआ। मंच से बोलते हुए मंत्री विजय शाह ने कथित रूप से कहा : “उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा… हमारी बहनों को विधवा किया, तो अब उनकी जाति की बहन आकर उन्हें नंगा करके छोड़ेगीयह टिप्पणी उस वक्त आई जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने एक सीमापार मिशन को अंजाम दिया था, जिसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।



