जहाजपुर में स्टोन क्रेशर की हड़ताल से निर्माण कार्य ठप, श्रमिकों की आजीविका पर संकट

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जहाजपुर। स्टोन क्रेशर एवं स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार आधी रात से शुरू हो गई है, जिसका सीधा असर निर्माण कार्यों और हजारों मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर पड़ा है। राज्य भर में करीब 2200 स्टोन क्रेशर और 10 हजार से अधिक चेजा पत्थर की खानों ने काम बंद कर दिया है। जहाजपुर क्षेत्र के पांच क्रेशर भी इस हड़ताल में शामिल हैं, जिससे क्षेत्र में 200 से अधिक श्रमिकों की आजीविका पर संकट गहरा गया है। हड़ताल के चलते मकान निर्माण, सड़कें और अन्य विकास कार्यों में उपयोग होने वाली रोड़ी और चुनाई पत्थर की आपूर्ति ठप हो गई है। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है, क्योंकि निर्माण सामग्रियों की कमी से लागत बढ़ने और काम रुकने की संभावना है। एसोसिएशन का आरोप है कि राज्य सरकार उद्योगों को राहत देने के बजाय नियमों की आड़ में उत्पीड़न कर रही है। एसोसिएशन के सत्यनारायण चौधरी और रामरतन मीणा ने बताया कि रॉयल्टी ठेकेदार निर्धारित दर से अधिक वसूली कर रहे हैं। ड्रोन सर्वे के लिए खान मालिकों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है जबकि कई जगह एफआरपी, लीज पिलर और बेसलाइन डेटा अब तक तय नहीं हैं। अवैध खनन के लिए वैध पट्टाधारकों को दोषी ठहराया जा रहा है। परिवहन विभाग की एमनेस्टी स्कीम ओवरलोडिंग को बढ़ावा दे रही है। वृक्षारोपण शुल्क चुकाने के बावजूद खनिज विभाग द्वारा दोहरी कार्रवाई की जा रही है।पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार केवल राजस्व वसूली में लगी है और जनहित या सूक्ष्म उद्योगों के हितों को नजरअंदाज कर रही है। जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, हड़ताल जारी रहेगी।

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