जिला कारागृह, चित्तौडगढ में नवीन बैरक निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

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जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि जिला कारागृह, चित्तौडगढ़ में 80 बंदी क्षमता के नवीन बैरक निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके शीघ्र निर्माण के लिए बैरक का नक्शा अनुमोदित कर कार्यकारी एजेंसी को पत्र लिखा गया है।

गजेन्द्र प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का कारागार मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि उदयपुर संभाग के कारागृहों में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण बंदियों को अन्य कारागृहों में स्थानान्तरित किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि चित्तौडगढ़ जिला जेल की क्षमता 338 कैदियों की है, जबकि वर्तमान में जेल में 519 कैदी बंद हैं, जो क्षमता से अधिक हैं। यहां से वर्ष 2023 में 430 व वर्ष 2024 में 125 कैदियों को आस-पास की जेलों में स्थानान्तरित किया गया।

उन्होंने बताया कि चितौड़गढ़ शहर के पास सेगवा गांव में प्रस्तावित नई जेल के लिए 2.6 हैक्टेयर भूमि चिह्न्ति की गई थी, लेकिन जनता के विरोध के कारण निर्माण कार्य नहीं हो सका है।
इससे पहले विधायक चन्द्रभान सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने उदयपुर संभाग में कारागार, कैदियों को रखने की क्षमता एवं विगत तीन वर्ष में रखे गये कैदियों की जिलेवार, कारागारवार व क्षमतावार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि उदयपुर संभाग की कुछ कारागृहों में क्षमता से अधिक बंदी निरूद्ध रखे गये है। कारागृहों में जनाधिक्य की स्थिति होने पर अन्य कारागृहों पर बंदियों को स्थानान्तरित किया गया है, जिसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

गजेन्द्र ने कहा कि जिला कारागृह, चित्तौडगढ़ में 80 बंदी क्षमता की नवीन बैरक बनाये जाने हेतु कार्यकारी एजेन्सी आरपीआईडीसीएल को महानिदेशालय कारागार द्वारा 17 अक्टूबर, 2022 को बैरक का नक्शा अनुमोदित कर शीघ्र निर्माण कराये जाने हेतु लिखा गया है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में वित्तीय संसाधनों एवं भूमि की उपलब्धता तथा कैदियों की संख्या के आधार पर गुणावगुण का परीक्षण कर जिला कारागृह, चित्तौडगढ़ की क्षमता बढ़ाने पर विचार किया जा सकेगा।

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