जयपुर। विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि रेवदर मुख्यालय पर वर्तमान में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय स्थापित हैं। निर्धारित मानदण्ड पूरा करने पर ही रेवदर में न्यायालय के क्रमोन्नयन अथवा स्थापना के संबंध में विचार किया जा सकेगा।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि वर्तमान में रेवदर के 113 प्रकरणों की सुनवाई अपर जिला सेशन न्यायालय सिरोही तथा जिला सेशन न्यायालय सिरोही द्वारा की जा रही है। इनमें 56 प्रकरण फौजदारी तथा 57 प्रकरण सिविल के हैं।
इससे पहले विधायक मोतीराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विधि एवं विधिक कार्य मंत्री ने बताया कि किसी स्थान पर न्यायालय का क्रमोन्नयन अथवा स्थापना उच्च न्यायालय से परामर्श या प्रस्ताव प्राप्त होने पर, निर्धारित मानदण्ड के अनुसार उस क्षेत्र के अपर जिला न्यायालय स्तर के 1000-1200 प्रकरण लम्बित होने पर, वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय स्तर के 1200-1500 प्रकरण लंबित होने पर तथा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर ही की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेवदर में किसी भी प्रकार के न्यायालय/शिविर न्यायालय के सृजन /क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव माननीय उच्च न्यायालय में विचारार्थ लंबित नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में उच्च न्यायालय से परामर्श/प्रस्ताव प्राप्त होने पर, निर्धारित मानदण्ड के अनुसार तथा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर ही न्यायालय की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा विचार किया जा सकेगा।


