नई दिल्ली । भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर कांग्रेस पार्टी के दावों को कांग्रेस पार्टी के सांसद मनीष तिवारी ने ही खारिज कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं और विदेश में सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत का रुख रख रहे हैं। उन्होंने एक बैठक के दौरान साफ कर दिया है कि भारत-पाक सीजफायर में डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई थी, जिसमें किसी तीसरे ने कोई भूमिका नहीं निभाई थी। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के बयान पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि निश्चित तौर पर सरकार भी यही बात कह रही है। लेकिन, देश जानना चाहता है कि किन शर्तों पर सीजफायर हुआ।बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई।
लेकिन, सवाल यह है कि पीएम मोदी ने जिस दिन देश को संबोधित किया, उससे पहले कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके थे कि वह भारत-पाक का सीजफायर कराने में मध्यस्थता करेंगे। पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन में इसका जिक्र नहीं किया गया। इसीलिए, देश जानना चाहता है कि किन शर्तों पर सीजफायर हुआ। जहां तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बात है, तो एक बात साफ करना चाहूंगा कि देश के अंदर और बाहर हमारी भूमिका अलग है। बाहर हम राष्ट्र का नेतृत्व करते हैं। देश के अंदर हम सरकार के आलोचक हैं। दोनों बातों को एक साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जाति जनगणना को मंजूरी दिए जाने पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि हमने तेलंगाना में जाति जनगणना का मॉडल लागू किया। राहुल गांधी ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि वे जाति आधारित जनगणना सुनिश्चित करेंगे। राहुल गांधी के दबाव में सरकार इस पर तैयार हुई। सरकार को इस पर एक समय सीमा तय होनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने उठाया सीजफायर का मुद्दा, सरकार से मांगा ‘शर्तों’ का हिसाब
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