नई दिल्ली। हिंदू धर्म से जुड़े लोग कार्तिक माह में पड़ने वाली दीपावली के पंचपर्व का पूरे साल इंतजार करते हैं। क्योंकि इस पर्व में तमाम तरह की पूजा, जप और व्रत आदि करके जीवन में सुख-सौभाग्य और आरोग्य की कामना करते हैं। दीपावली का पर्व धनतेरस से शुरू होकर नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज पर खत्म होता है। यह पंचपर्व कई देवी-देवताओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ पर्व है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह पांचों पर्व कब पड़ेंगे और इनके धार्मिक महत्व के बारे में जानेंगे।
धनतेरस 2025
दीपावली के जिस पंचपर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई जाती है। इस साल धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त शाम 07:16 से लेकर 08:20 मिनट तक है। इस दिन भगवान कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है। जिससे कि पूरे साल सुख-सौभाग्य और आरोग्य बना रहे।
नरक चतुर्दशी 2025
दीपावली के पंचपर्वों में दूसरा दिन नरक चतुर्दशी का होता है, जिसको लोग छोटी दीपावली भी कहते हैं। उत्तर भारत में यह पर्व हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अर्धरात्रि में मां अंजना के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था। हिंदू मान्यता के मुताबिक इस दिन मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक जलाने से नर्क से मुक्ति मिलती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक नरक चतुर्दशी का पर्व 19 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा। नरक चतु्र्दशी के दिन पितरों की भी विशेष पूजा की जाती है।
दिवाली 2025
दीपावली का पर्व दीपों का महापर्व है, इस दिन दीपक जलाने से अंधकार दूर होते हैं। दीपावली का पर्व भगवान श्रीगणेश के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालांकि इस दिन मां काली और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार 20 अक्तूबर 2025 को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। दीपावली पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन पूजा का मुहूर्त शाम को 07:08 मिनट से लेकर 08:18 मिनट तक रहेगा।
गोवर्धन पूजा 2025
दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार 22 अक्तूबर 2025 को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। इसको अन्नकूट का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के लोग गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:26 मिनट से लेकर 08:42 मिनट तक है। वहीं शाम के समय इसी पूजा को आप दोपहर में 03:29 मिनट से लेकर 05:44 मिनट तक कर सकेंगे।
भाईदूज 2025
दीपावली के पंचपर्व में आखिरी त्योहार भाईदूज का होता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक करती हैं और उनकी सफलता और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह पर्व भाई और बहन के स्नेह से जुड़ा है। इस बार 23 अक्तूबर 2025 को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भाई को तिलक करने का मुहूर्त दोपहर 01:13 मिनट से 03:28 मिनट तक है। भाईदूज के दिन यमुना में स्नान करने का अधिक धार्मिक महत्व माना जाता है।