नेटथियेट पर कलर्स ऑफ ग़ज़ल : लोग कहते हैं अजनबी तुम हो, अजनबी तुम मेरी जिंदगी हो

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जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रम की श्रृंखला में आज कलर्स ऑफ ग़ज़ल कार्यक्रम में अजमेर शहर के ग़ज़ल सिंगर हार्दिक थारुका ने अपनी मखमली आवाज़ में सुप्रसिद्ध गजलों का गुलदस्ता पेश कर मौसिकी से रूबरू कराया ।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू बताया कि कलाकार थारुका ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत सुप्रसिद्ध शायर नज़ीर कैसर की गजल लोग कहते हैं अजनबी तुम हो, अजनबी मेरी जिंदगी तुम हो से की । इसके बाद उन्होंने हबीब जमाल की एक ग़ज़ल जाने दिल जाने तमन्ना कौन है जाने दिल जाने तमन्ना फिर नसीर काजमी शायर की नीयतें शौक भर न जाये कही को जब अपनी पुरकशिश आवाज में इन ग़ज़लों को सुनाया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे और अंत में राजस्थान की मशहूर मांड म्हारा हंजला री मारू रे जोओ रातडली सुनाकर अपनी गायिकी का परिचय दिया।
इनके के साथ तबले धीरज चौहान ने अपनी उंगलियों का जादू दिखाकर गज़ल की इस महफिल को परवान चढाया। गिटार ‌ पर अंकेश खटाणा ने शानदार संगतकर कार्यक्रम को ऊंचाइयां दी ।
कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी तथा कार्यक्रम में इम्पीरियल प्राइम कैपिटल के कला रसिक मनीष अग्रवाल की ओर से कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कैमरा मनोज स्वामी, संगीत संयोजन जितेन्द्र शर्मा, मंच सज्जा रेणु सनाढ्य,जीवितेश शर्मा व अंकित शर्मा नानू की रही।

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