राजस्थानी लोकनृत्य की सतरंगी छटा: “टूटे बाजूबंद री लूम लट” और कालबेलिया ने किया मंत्रमुग्ध

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जयपुर। नेटथियेट के रंगमंच पर आज इंडिया इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डांस एंड म्यूजिक की ओर से विजयादशमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थानी लोकनृत्यों की अनुपम छटा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजस्थान की माटी की खुशबू से सराबोर इन नृत्यों ने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक नए रंग में पेश किया।कार्यक्रम की शुरुआत सुप्रसिद्ध लोकगीत “बाजे छ नौबत बाजा महाराज डिग्गीपुरी का राजा” पर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनोहारी नृत्य से हुई। इसके बाद “टूटे बाजूबंद री लूम लट उलझी उलझी जाए” जैसे लोकनृत्यों की मोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। अंतिम प्रस्तुति राजस्थान का लोकप्रिय कालबेलिया नृत्य “काल्यो कूद पड्यो मेला में साइकिल पंचर कर ल्यायो” पर हुई, जिसे देख दर्शक खुद को झूमने से रोक नहीं सके।
कथक नृत्य गुरु श्वेता गर्ग के निर्देशन में रक्षिता शेखावत, अन्वी जैन, रूपल राठी और किया तिवारी ने इन लोकनृत्यों को अपने अद्वितीय अंदाज में प्रस्तुत कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। विशेष आकर्षण रहे विदेशी मेहमान, यूएस से आए एंड्रयू बेल और इसाबेल लिंडहाइमर, जिन्होंने न केवल राजस्थानी लोकनृत्य का आनंद लिया बल्कि उसमें भाग भी लिया। कार्यक्रम के अंत में खुशखरीद के देवेंद्र सिंघवी ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए।कार्यक्रम के संयोजक नवल डांगी ने इसकी सफलता के पीछे अपनी पूरी टीम का धन्यवाद किया। मंच सज्जा में अंकित शर्मा नोनू और जिवितेश ने अहम भूमिका निभाई, वहीं संगीत की बागडोर सागर विनोद गढ़वाल और प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने संभाली।

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