पर्यटन को जन उद्योग बनाना चाहते हैं सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विविधताओं का प्रदेश है। भगवान राम की अयोध्या, वनवास के दौरान उन्होंने पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ जिस चित्रकूट में सर्वाधिक समय गुजारा, वह भी उत्तर प्रदेश में है। मथुरा और वृंदावन सहित पूरा ब्रज क्षेत्र राधा, कृष्ण, गोपियों, ग्वालों की याद दिलाता है। ताजमहल के नाते आगरा और शौर्य संस्कार की गवाह रानी लक्ष्मीबाई की धरती बुंदेलखंड का अपना अलग आकर्षण है। तीर्थराज प्रयाग तो खुद में अद्भुत है। कुंभ और महाकुंभ के दौरान तो यह मानवता का वैश्विक समागम बन जाता है। दुनिया को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध, योग को बिना भेदभाव के लोक कल्याण का जरिया बनाने वाले गुरु गोरक्षनाथ, महावीर जैन की भी यही धरती है। सबसे पुराने जीवाश्म के नाते सोनभद्र भी पर्यटकों की पसंद बन सकता है। कुल मिलाकर यूपी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश के लोगों को इन संभावनाओं का अधिकतम लाभ मिले, इसके लिए सीएम योगी पर्यटन को जन उद्योग बनाना चाहते हैं।

चूंकि आने वाले पर्यटकों से सर्वाधिक लाभ स्थानीय लोगों को ही होता है, इसलिए सीएम योगी चाहते हैं हर स्थानीय आदमी अपने यहां आने वाले पर्यटकों के साथ बेहतर व्यवहार व उनको उचित सहयोग देकर ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाएं। यह हमारे ‘अतिथि देवो भव’ परंपरा के भी अनुकूल है। ऐसा होने पर संबंधित जगह पर आने वाला पर्यटक वहां बार-बार आना चाहेगा। हर ऐसे मंच से मुख्यमंत्री लोगों से यह अपील करते हैं। सरकार अपने स्तर से हर संभावित पर्यटन स्थल को पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त भी कर रही है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और स्थानीय लोगों की बढ़ती आय के रूप में इसके नतीजे भी मिल रहे हैं। मसलन उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटकों के आगमन के लिहाज से देश में लगातार तीसरे साल भी नंबर एक पर है।

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