सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल : बस स्टैंड पर हुआ धमाका, प्रशासन पुलिस दिखे मुस्तैद

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डूंगरपुर। बस स्टैंड के पास तिराहे पर हुए हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, एंबुलेंस फायर ब्रिगेड और क्विक रिस्पांस टीम के साथ ही सिविल डिफेंस टीम अधिकारी मौके पर पहुंचें। घायल एवं हताहतों को तत्काल स्ट्रेचर पर लेकर प्राथमिक उपचार करते हुए एंबुलेंस की सहायता से जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया तथा इमरजेंसी वार्डों में चिकित्सा मुहैया कराई गई। बुधवार को हुआ यह पूरा घटनाक्रम देश भर के साथ डूंगरपुर में भी हुई सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का अभ्यास था।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार 7 मई, बुधवार को जिले में सिविल डिफेंस अभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया। हादसे की सूचना मिलते ही जिला कंट्रोल रूम से तत्काल सभी प्रशासनिक अधिकारियों एवं आवश्यक सेवाओं को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही सभी मौके पर पहुंचे । जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंचे राहत दलों ने कार्यवाही में तत्परता दिखाई।

जिला चिकित्सालय से पांच एम्बुलेंस मय चिकित्सा कर्मियों एवं आवश्यक इमरजेंसी सेवाओं के साथ घटना स्थल पर पहुंची तथा घायलों को एंबुलेंस से लेकर प्राथमिक उपचार करते हुए चिकित्सालय पहुंचाया गया तथा चिकित्सालय में चिकित्सकों के द्वारा वार्ड में भर्ती करते हुए इमरजेंसी चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाई गई।

जिला पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जिला पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम, सामान्य पुलिस दल, महिला पुलिस दल, सिविल डिफेंस टीम वॉलिंटियर्स पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचे तथा मौके पर घायल एवं हताहत को सहायता प्रदान करते हुए शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था कायम की। अग्निशमन दल के सदस्य अग्निशमन वाहन के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा आग को बुझाया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को तीन श्रेणी में रखा गया। प्रथम श्रेणी आगजनी में झूलसे मरीज, द्वितीय अत्यंत गंभीर तथा तृतीय सामान्य घायल मरीज। इन सभी को चिकित्सालय पहुंचाते हुए वार्डों में भर्ती किया गया और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की मॉक ड्रिल की गई।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर दिनेश धाकड़, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़, मुख्य चिकित्सा, उपखंड अधिकारी डूंगरपुर साबरमल, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अलंकार गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ महेंद्र डामोर सहित समस्त संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहें।

मॉक ड्रिल के उद्देश्य – जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व अभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की प्रभावशीलता का परीक्षण, भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइनध्रेडियो लिंक की कार्यशीलता की जाँच, नियंत्रण कक्षों की तत्परता और प्रशासनिक समन्वय क्षमताओं का मूल्यांकन, आम नागरिकों एवं छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों में व्यवहार हेतु प्रशिक्षित करना, ब्लैकआउट जैसे रणनीतिक उपायों की तैयारी सुनिश्चित करना है।

अस्पतालों में जरूरी दवाओं की व्यवस्था के निर्देश – कलक्टर ने मॉक ड्रिल के समय और उसके बाद आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों के क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अलंकर गुप्ता को सभी मुख्य चिकित्सालय एवं सीएचसी, पीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने, जरूरी दवाओं की व्यवस्था करने, एंबुलेंस तथा मेडिकल स्टाफ को समुचित व्यवस्थाओं के साथ मुस्तैद रहने देने के निर्देश प्रदान किए। साथ ही अग्निशमन विभाग को आग बुझाने वाले वाहनों सहित अन्य उपकरणों के समुचित संचालन, आदि के निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारियों और जिला स्तरीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को जिले की सुरक्षा योजना का गहन अध्ययन करने और उसके अनुसार आपात परिस्थिति के लिए जरूरी संसाधन तैयार करने, आपात स्थिति हेतु पूर्व से सेंसेटिव एरिया चिन्हित करने, समस्त आवश्यक क्षेत्र के अधिकारियों, जिला कंट्रोल रूम, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, बिजली पानी एवं आवश्यक सुविधाओं के हेतु संपर्क नंबर रखने के भी निर्देश दिए।

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