– जिला स्तरीय इंस्पायर अवार्ड्स प्रदर्शनी का शुभारंभ, 210 बाल वैज्ञानिकों की भागीदारी
चित्तौड़गढ़। वर्तमान का भारत आत्मनिर्भर होकर विकसित देश की संकल्पना के साथ विकास की उड़ान भर रहा है। बाल वैज्ञानिकों के नवाचार भारत के भविष्य को नई दिशा देंगे। यह बात सांसद सी.पी. जोशी ने सोमवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, शहर, चित्तौड़गढ़ में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय इंस्पायर अवार्ड्स मानक प्रदर्शनी 2024-25 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बाल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि और वैज्ञानिक सोच ने देश के युवाओं को नई शिक्षा नीति के माध्यम से 30 वर्ष बाद ऐसा अवसर प्रदान किया है जो सैद्धांतिक ज्ञान की जगह व्यावहारिक और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर परिषद के पूर्व सभापति सुशील शर्मा ने की । आयोजन संरक्षक एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. महावीर कुमार शर्मा ने कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले का राज्य में छठे स्थान पर और उदयपुर संभाग में प्रथम स्थान पर रहना हमारे बाल वैज्ञानिकों की नवाचारी सोच, परिश्रम और सृजनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि जिले की सामूहिक वैज्ञानिक चेतना और विद्यालयों में हो रहे अभिनव प्रयोगों का परिणाम है। स्वागत उद्बोधन विद्यालय की संस्था प्रधान चंद्रकांता राठौर ने दिया जबकि आभार प्रर्दशन एडीपीसी समसा प्रमोद कुमार दशोरा ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन, अहमदाबाद की प्रोजेक्ट एसोसिएट अक्षिता मूंदड़ा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में श्रवण सिंह राव, रघु शर्मा, हर्षवर्धन सिंह रुद, गौरव त्यागी, सुधीर जैन, सागर सोनी, कमलेश पुरोहित, शैलेन्द्र झंवर, राजन माली, संजू लड्ढा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) राजेंद्र कुमार शर्मा, सीबीईओ चित्तौड़गढ़ शंभुलाल सोमानी, एसडीएमसी सदस्य कांतिलाल जैन, ऊषा रांधड़, सहित प्रतिभागी विद्यालयों के अध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। स्वागत उद्बोधन विद्यालय की संस्था प्रधान चंद्रकांता राठौर ने दिया। कार्यक्रम का संचालन झूला कुमारी लोढ़ा एवं गोपेश कोदली ने संयुक्त रूप से किया।
दिव्यांगों के लिए मॉडल बने आकर्षण का केन्द्र- प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों की ओर से दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील सोच को दर्शाते अनेक नवाचार प्रदर्शित किए गए। एम. अकादमी, चित्तौड़गढ़ की छात्रा रिधिका राठौड़ ने वॉइस कंट्रोल व्हीलचेयर का मॉडल प्रस्तुत किया, जो उन दिव्यांगजनों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो मैन्युअली व्हीलचेयर नहीं चला सकते। यह मॉडल आवाज के माध्यम से व्हीलचेयर को आगे, पीछे या किसी दिशा में ले जाने की सुविधा प्रदान करता है। इसी प्रकार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भीलगट्टी (भदेसर) की रविना राजावत ने दिव्यांगों के लिए एडजस्टेबल टेबल-कुर्सी तैयार कर मौलिक सोच का परिचय दिया है। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शंभूपुरा की सृष्टि सुथार ने दिव्यांगों के लिए परिष्कृत बैसाखी का मॉडल प्रदर्शित किया, जो उनके दैनिक उपयोग को और अधिक सहज एवं सुविधाजनक बनाता है।
समापन मंगलवार को- समापन समारोह 7 अक्टूबर को दोपहर 1.15 बजे विधायक चंद्रभान सिंह आक्या एवं जिला कलेक्टर आलोक रंजन की उपस्थिति में आयोजित होगा। प्रदर्शनी प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्यार्थियों और आमजन के लिए खुली रहेगी।

चित्तौड़गढ़ : बाल वैज्ञानिक विकसित और आत्मनिर्भर भारत की नींव : सांसद जोशी
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