बारां। सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता सतीश परिहार ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना को अब ऑनलाइन स्वरूप में लागू कर दिया गया है। इच्छुक संस्थाओं को योजना का लाभ लेने के लिए एसएसओ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
परिहार ने बताया कि योजना का उद्देश्य विवाहों में होने वाले अपव्यय तथा बाल विवाह की रोकथाम के साथ-साथ संस्थाओं को समय पर आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सामूहिक विवाह आयोजित करने वाली संस्थाओं को आयोजन की तिथि से कम से कम 15 दिन पूर्व संबंधित सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके साथ ही आवेदन के समय वर-वधू के आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और बैंक खाते का विवरण सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज भी ऑनलाइन संलग्न करने होंगे।
संस्था द्वारा विवाह तिथि से 7 दिन पूर्व तक ऑनलाईन आवेदन में जोड़ों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकेगा। इसके बाद प्रस्तुत आवेदनों में कोई परिवर्तन संभव नहीं होगा। विवाह आयोजन के पश्चात् 60 दिवस की अवधि में विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र व अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर प्रति जोड़ा कुल 25,000 रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी, जिसमें से 21,000 रुपए वधू के खाते में तथा 4,000 रुपए आयोजक संस्था के खाते में सीधे आईएफएमएस के माध्यम से हस्तांतरित किए जाएंगे। निर्धारित समयावधि में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर प्रकरण स्वतः निरस्त मान लिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक संस्थान सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता कार्यालय, बारां में कार्यालय समय में संपर्क कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना अब ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य
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