केंद्र सरकार ने बीते 9 वर्षों में 4 लाख से अधिक बैकलॉग रिक्तियों को भरा : जितेंद्र सिंह

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय ने बीते 9 वर्षों में (2016 से) करीब 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियों को भरा है। उन्होंने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सभी मंत्रालय में बैकलॉग समेत रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया और यह लगातार चलती रहती है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों को समय-समय पर रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने की सलाह दी गई है। जितेंद्र सिंह के अनुसार, केंद्रीय सरकार के पदों और सेवाओं में खुली प्रतियोगिता द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सीधी भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पदोन्नति में अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है।उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के मामले में सीधी भर्ती और पदोन्नति दोनों में 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है। सिंह ने कहा, “रिक्तियों और भरे गए पदों का विवरण संबंधित मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा रखा जाता है।”
इसके अतिरिक्त, जुलाई के मध्य में केंद्र सरकार की ओर से 16वां रोजगार मेला आयोजित किया गया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 51,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह नव-नियुक्त युवा रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय समावेशन और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “विभाग भले ही अलग हों, लेकिन आपका ध्येय एक है – राष्ट्र सेवा। आप रेलवे में दायित्व निभाएं, देश की सुरक्षा करें, डाक सेवाओं को गांव-गांव पहुंचाएं या स्वास्थ्य मिशन का हिस्सा बनें, आपका लक्ष्य विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है।” पीएम ने कहा कि अगले 20-25 वर्ष भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं और युवाओं को अपने करियर को विकसित भारत के लक्ष्य के साथ जोड़ना होगा। उन्होंने हाल की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले दशक में 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया, जिससे न केवल सामाजिक सुरक्षा बढ़ी, बल्कि लाखों नए रोजगार भी सृजित हुए।

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