सीए सुधीर हालाखंडी ने जीएसटी सर्वे के दौरान वयापारियो को भयमुक्त रहने की सलाह दी
ब्यावर। जीएसटी सर्वे का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों की जांच करना और कर अनुपालन को सुनिश्चित करना है। हालांकि, अधिकांश व्यापारी इस प्रक्रिया को तनावपूर्ण और कष्टदायक मानते हैं। सर्वे की शुरुआत में पहला घंटा अक्सर तनावपूर्ण होता है, लेकिन इसके बाद प्रक्रिया सामान्य और शांति पूर्ण हो जाती है। अधिकारी कभी भी धमकाने की कोशिश नहीं करते, बल्कि वे केवल अपनी ड्यूटी निभाते हैं। कानून भी उन्हें किसी प्रकार की धमकी देने की अनुमति नहीं देता। इसके बावजूद, व्यापारियों को अक्सर ऐसा महसूस होता है कि सर्वे के दौरान उन्हें भययुक्त वातावरण में रहना होता है लेकिन यह सब केवल मनोवैज्ञानिक ही होता है। सीए सुधीर हालाखंडी ने बताया कि सर्वे के दौरान व्यापारी को धैर्यपूर्वक मांगे गए दस्तावेज, अकाउंट्स और स्टॉक दिखाने चाहिए। उन्होंने बताया कि सबसे पहले सर्वे का ऑथराइजेशन चेक करना चाहिए जो अत्यंत आवश्यक है। यदि आवश्यक हो, तो अपने कर सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की मदद ली जा सकती है। सर्वे में कुछ जमा करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई बार व्यापारी सर्वे समाप्त करने के लिए अपनी ओर से अथवा अधिकारियों के कहने पर टैक्स, ब्याज और पेनल्टी जमा कर देते हैं। यह सब स्वैच्छिक होता है और किसी प्रकार की ज़बरदस्ती नहीं की जा सकती। सर्वे के दौरान या उसके बाद, व्यापारी विभाग में जाकर अपना पक्ष रख सकते हैं और खुद को साफ़ घोषित कर सकते हैं। अगर फिर भी व्यापारी को निर्णय से असहमति होती है, तो वे फैसले के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं।



