कोटा। लम्बे समय से पेयजल के लिए जूझते विधानसभा क्षेत्र लाडपुरा, रामगंजमण्डी एवं सांगोद के 51 ग्राम एवं 16 ढाणियों की वर्षों की प्यास बुझने की आस अब जल्द ही पूरी होने को है। इन गांव ढाणियों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन अन्तर्गत निर्माणाधीन बहुप्रतीक्षित बोराबास-मण्डाना (रेट्रोफिटिंग) पेयजल परियोजना अब अंतिम चरण की ओर है। परियोजना का 80 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष रहे परिवारों को अगस्त माह के अंत तक नल से जल मिलने की उम्मीद है।
विधानसभा क्षेत्र लाडपुरा, रामगंजमण्डी व सांगोद के इन 51 ग्राम एंव 16 ढाणियों में बरसों से लोग पेयजल संकट से जूझ रहे थे। सार्वजनिक हैडपम्प और ट्यूबवैल का सहारा था। गर्मी आते-आते हालात यह हो जाते थे कि ये जलस्त्रोत भी रीते हो जाते थे और टैंकरों के सहारे इन क्षेत्रों की प्यास बुझाने के जतन किए जाते रहे। इस जल संकट से उबारने के लिए निर्माणाधीन इस परियोजना के अब कुछ माह में पूर्ण होने की उम्मीद है जिससे ये गांव ढाणियां हर घर नल से जल का सपना साकार करेंगी। जिला कलक्टर द्वारा समयबद्ध लक्ष्यों के आवंटन और इनकी पूर्ति की नियमित समीक्षा के साथ योजना गति पकडते हुए अंतिम चरण की ओर अग्रसर है।
परियोजना के अधिशासी अभियंता पुरूषोत्तम सिंघल ने बताया कि अब तक पूर्ण हुए कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 6 हजार परिवार अब नल से जल ले रहे हैं। परियोजना में 11 हजार 517 परिवारों को लाभान्वित किया जाना है जिसके विरूद्ध 8 हजार से अधिक पेयजल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इनमें शीघ्र ही घरों में नल से जल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि परियोजनार्न्तत कुल स्वीकृत जल सम्बन्धों की संख्या 12248 एवं आई.एम.आई.एस पोर्टल के अनुसार जल संबंध की संख्या 11517 है। कुल 386.315 किलोमीटर पाइपलाइन में से 330 किमी पाइपाइन डाल दी गई है। 8644 जल कनेक्शन कर 70.57 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि बोरावास मंडाना परियोजना (रेट्रोफिटिंग) वर्ष 2053 की अभिकल्पित लाभान्वित जनसंख्या कुल 83207 आबादी एवं जल मांग 9.3 एम.एल.डी. को लक्ष्य रखकर बनाई गई है। वर्तमान में 44.43 करोड व्यय के साथ परियोजना प्रगतिरत है। भौतिक प्रगति 80 प्रतिशत हो चुकी है। बोरावास मंडाना पेयजल परियोजना के लिए प्रशासनिक एंव वित्तीय स्वीकृति 2021 में राशि रू. 88.43 करोड़ एवं तकनीकी स्वीकृति 74.05 करोड रूपये की जारी की गई थी। मध्य में आए तकनीकी व्यवधानों को दूर कर अब पूरी गति से योजना को पूर्णता देने का कार्य चल रहा है। परियोजना में 9 उच्च जलाशय, दो स्वच्छ जलाशय, 3 पम्प गृह बनाए जाने हैं। इन संरचनाओं का निर्माण प्रक्रियाधीन है।


