बनासकांठा। गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने से 18 मजदूरों की मौत होने की खबर है। पांच गंभीर रूप से झुलस गये हैं। जानकारी के अनुसार फैक्ट्री में बॉयलर फटने से ब्लास्ट हुआ। पूरी फैक्ट्री में आग फैल गयी। आग इतनी तेजी से फैली कि वहां कामकर रहे मजदूरों को हिलने का भी मौका नहीं मिला।
फैक्ट्री के मालिक खूबचंद सिंधी के खिलाफ BNS की धारा 304 के तहत केस दर्ज
इस घटना के संबंध में जिले के एसपी अक्षयराज मकवाना ने बताया कि अब तक मलबे से 18 शव बरामद किये जा चुके हैं। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री का स्लैब गिर गया। मजदूर उसके नीचे दब गये। मरने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताये जाते हैं
पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक खूबचंद सिंधी के खिलाफ BNS की धारा 304 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी को गिरफ्तार किया जायेगा। सूत्रों के अनुसार फैक्ट्री में पटाखे बनाने का काम किया जा रहा था, जबकि फैक्ट्री मालिक के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस था।
CM भूपेंद्र पटेल ने दुख जताया, सहायता राशि की घोषणा की
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह हादसा बेहद दर्दनाक है इस मुश्किल समय में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिये हैं। गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने घायलों के स्वस्थ होने की कामना करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव ने शोक संवेदना व्यक्त की
गुजरात में हुए इस भयावह हादसे पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, गुजरात के बनासकांठा स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से मध्यप्रदेश के श्रमिकों की असामयिक मृत्यु तथा गंभीर घायल होने का दुखद समाचार अत्यंत हृदयविदारक है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त करता हूं।
भाजपा सरकार फायर सेफ्टी के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि सूरत, राजकोट के बाद आज बनासकांठा में लगी आग में कई लोगों की मौत हुई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार फायर सेफ्टी के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है। पैसे लेकर गलत फायर सेफ्टी का सर्टिफिकेट जारी कर रही है। जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। कहा कि किसी की जान जाने के बाद मुआवजा देने से उसके परिवार की स्थिति में सुधार नहीं होगा। ऐसे हादसों में मजदूरों की ही मौत होती है। पीड़ित परिवारों को सही आर्थिक मुआवजा मिले यह देखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।