जयपुर। राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी अब लगभग समाप्त मानी जा रही है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें दो सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश भी दिए गए हैं।कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने एक आपराधिक मामले में पहले ही तीन साल की सजा मिल चुकी है। इस मामले में उन पर एक एसडीएम पर पिस्टल तानने, सरकारी काम में बाधा डालने और वीडियो साक्ष्य को नष्ट करने जैसे गंभीर आरोप साबित हुए थे। ट्रायल कोर्ट और फिर अपीलेंट कोर्ट (ADJ अकलेरा, झालावाड़) ने उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी।एक मई को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है, जिससे यह लगभग तय हो गया है कि विधायक की सदस्यता समाप्त होगी। सुनवाई के दौरान विधायक के वकील नमित सक्सेना ने यह तर्क दिया कि जिस रिवॉल्वर की बात की जा रही है, वह कभी बरामद ही नहीं हुई। इसलिए क्रिमिनल फोर्स का मामला नहीं बनता। इसके अलावा, जिस वीडियो कैसेट को जलाने की बात कही गई है, वह भी पुलिस के कब्जे में नहीं आई, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी टिकता नहीं है।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच—जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस संजय करोल—ने सभी दलीलों को खारिज कर दिया और ट्रायल कोर्ट के फैसले को ही कायम रखा।इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा सचिव को हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी सौंपते हुए विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।

BJP विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी पर खतरा : सुप्रीम कोर्ट से झटका, दो सप्ताह में सरेंडर का आदेश
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