लखनऊ। 2024 की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। यूपी में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है। NDA गठबंधन 29 सीटों पर आगे है। जबकि इंडी गठबंधन 39 यानी 10 सीट आगे। नगीना सीट से चंद्रशेखर ने जीत हासिल की है।
अगर पार्टीवाइज देखा जाए तो भाजपा 32, सपा 38, कांग्रेस 6, रालोद 2, अपना दल 1 सीट पर जीत की ओर है या जीत चुकी है। बसपा 2014 की तरह फिर से शून्य पर सिमट गई।
अयोध्या के जिस राम मंदिर को भाजपा पूरे देश में मुद्दा बनाए थी, उसी अयोध्या में 10 साल बाद भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह 40 हजार वोटों से हार गए। 2019 में राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी केएल शर्मा से 1 लाख वोटों से हार गई।
भाजपा के खिलाफ वोटर्स का रुख कुछ ऐसा था कि मोदी कैबिनेट के 6 मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। इनमें अजय मिश्र टेनी, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, भानु प्रताप वर्मा, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति और कौशल किशोर शामिल हैं।
आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ और सुल्तानपुर से मेनका गांधी भी चुनाव हार गई हैं। काशी से पीएम मोदी 1 लाख 52 हजार 513 वोट से जीते हैं। उनकी यह जीत 2014 और 2019 से छोटी है।
यादव परिवार की बात करें, तो आजमगढ़ से धर्मेंद्र, मैनपुरी से डिंपल और फिरोजाबाद से अक्षय चुनाव जीत गए हैं। कन्नौज से अखिलेश आगे चल रहे हैं। सिर्फ बदायूं से शिवपाल के बेटे आदित्य यादव पीछे चल रहे हैं।
चुनावी नतीजों के बीच राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- यूपी की जनता से संविधान बचाने का काम किया। अमेठी को लेकर कहा कि आपका पीए कहा जा रहा था। वह किसी की इज्जत नहीं करते हैं। 40 साल से वहां काम करते हैं। प्रियंका मेरी बह यूपी की जीत के लिए छुपी हुई है।