भीलवाड़ा : नगर विकास न्यास के मास्टर प्लान के विरोध में उतरे आधा दर्जन से अधिक गाँवो के ग्रामीण

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– कलेक्ट्रेट पर किया जमकर प्रदर्शन, आठ गांव के लोगों ने धरने की दी चेतावनी
भीलवाड़ा । शहर के विस्तार और विकास के लिए तैयार किए जा रहे नगर सुधार न्यास (यूआईटी) के मास्टर प्लान के खिलाफ ग्रामीणों में भारी असंतोष देखने के मिल रहा है। मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के प्रवेश द्वार के बाहर पालड़ी, गोविंदपुरा, इदपुरा, तेलीखेड़ा, देवखेड़ी सांगानेर तस्वारिया में ग्रामीणों ने एकत्र होकर यूआईटी के प्रस्तावित मास्टर प्लान क विरोध जताते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हमारी जमीन, हमारा अधिकार, मास्टर प्लान वापस लो जैसे नारे लगाए। उन्होंने कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन दिया। 5 दिन में जोनल प्लान कैसिल नहीं करने पर यूआईटी पर धरने की चेतावनी दी है।
प्लान को निरस्त कराने की मांग – ग्रामीणों के साथ आए पूर्व सरपंच देवेंद्र सिंह ने बताया कि यूआईटी ने ये जो प्लान प्रकाशित किया है इसमें सैकड़ों कमियां हैं। इन्होंने बताया कि 200 फीट रोड को हटाकर 1200 फीट कर दिया और 1200 फीट रोड ये वहां तक ले गए जहां तक आसपास काश्तकार की जमीन थी। इसमें इंद्रपुरा, तेलीखेड़ा, गोविंदपुरा और पालड़ी की जमीन उसमें जा रही है। जहां सरकारी जमीन जा रही है, वहां इन्होंने रोड को 200 फिट कर दिया। यह तर्कसंगत नहीं है। इन्होंने बहुउद्देशीय योजना की जितनी अच्छी प्लानिंग थी उसको कैसिल कर दिया। इन्होंने तस्वारिया, आरजिया सहित ऐसे आठ राजस्व गावों की 15 हजार बीघा जमीनों को नर्सरी और उद्यान में कन्वर्ट कर दिया। जबकि भीलवाड़ा शहर में 18 हजार और 15 हजार बीघा जमीन नर्सरी उद्यान की जरूरी नहीं है। प्लान मे 10-12 महत्वपूर्ण कमियां हैं। हम चाहते हैं ये प्लान निरस्त हो और जो पूर्व का जो प्लान है उसी प्लान को इंप्लिमेंट किया जाए। अभी जो प्लान बनाया गया है तो कैंसिल हो, ग्रीन जोन कैसिल हो और जो 1200 फीट रोड है वो कैसिल हो। वही इस विरोध में कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी ग्रामीणों का समर्थन किया है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा किया गया, तो उग्र रूप से आंदोलन किया जायेगा ।

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