विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता धार्मिक सीमाओं से परे है और यह धार्मिक जीवन, आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक स्पष्टता के लिए एक सार्वभौमिक मार्गदर्शक है। जयशंकर ने यह बात एक वीडियो संदेश में कही, जिसे सोमवार को कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रसारित किया गया। यह महोत्सव 15 नवंबर को शुरू हुआ था और पांच दिसंबर को समाप्त होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह पवित्र ग्रंथ धार्मिक सीमाओं से परे है। यह धार्मिक जीवन, आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक स्पष्टता के लिए एक सार्वभौमिक मार्गदर्शक है।’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसकी शिक्षाएं विभिन्न पीढ़ियों और भौगोलिक क्षेत्रों के लोगों के मन को प्रभावित करती रहती हैं, बदलती दुनिया में मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान करती हैं।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 10वें अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद विदेश मंत्री का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। यह सम्मेलन तीन सप्ताह के महोत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, विदेश मंत्रालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, और इसमें आध्यात्मिक नेताओं, विद्वानों, हरियाणा के कई कैबिनेट मंत्रियों, सांसद नवीन जिंदल और गीता मर्मज्ञ स्वामी ज्ञानानंद महाराज सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।

भगवद् गीता धार्मिक सीमाओं से परे, धार्मिक जीवन जीने के लिए सार्वभौमिक मार्गदर्शक है: जयशंकर
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