कोटा। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (एग्रीस्टैक) के तहत किसानों की फॉर्मर आईडी बनवाने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को कोटा जिले की खैराबाद पंचायत समिति की उण्डवा ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर का जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने निरीक्षण किया।
शिविर में आए किसानों से संवाद के दौरान डॉ. गोस्वामी ने कहा कि भारत सरकार की एग्रीस्टैक के तहत राजस्थान में फार्मर रजिस्ट्री हो रही है। इससे किसानों को न केवल एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी आसानी होगी। उन्होंने किसानों को अपने हाथों से रजिस्ट्री आईडी पत्र सौंपे और उन्हें शुभकामनाएं दी।
डिजिटल फार्मर आईडी से योजनाओं का मिलेगा लाभ
इसके तहत प्रत्येक किसान को 11 अंकों की आधार से जुड़ी फार्मर आईडी दी जाएगी, जिससे वे विभिन्न कृषि योजनाओं का सरलता से लाभ उठा सकेंगे। यह पहल किसानों को बेहतर कृषि निवेश, कृषि विशेषज्ञों से समय पर मार्गदर्शन, फसल बीमा, आपदा प्रबंधन सहायता, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, कृषि ऋण व किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं प्राप्त करने में सहायक होगी।
जल्द कराएं पंजीकरण
जिला कलेक्टर ने किसानों से शीघ्र फार्मर रजिस्ट्री आईडी बनवाने की अपील की, जिससे वे बिना किसी बाधा के सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। शिविर के नोडल अधिकारी एसडीएम लाडपुरा गजेंद्र सिंह ने बताया कि दूसरे दिन कोटा जिले में लगभग 495 किसानों की फार्मर आईडी बनाई गई।
जिला कलक्टर ने बताया कि भविष्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), डीबीटी, आपदा राहत सहायता, कृषि योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति और बजट आवंटन के लिए फार्मर रजिस्ट्री आईडी अनिवार्य होगी। यह आईडी किसानों की भूमि की डिजिटल पहचान बनाएगी, जिससे सरकारी योजनाओं का सुव्यवस्थित और पारदर्शी लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण हेतु किसानों को आधार कार्ड, जमाबंदी और आधार से लिंक मोबाइल नंबर लाना अनिवार्य है। बिना इन दस्तावेजों के पंजीकरण संभव नहीं होगा।
फेसियल रिकग्निशन की सुविधा भी उपलब्ध
शिविर में भूमि सत्यापन अधिकारी किसानों के आधार और जमाबंदी का निरीक्षण कर रहे हैं। ओटीपी सत्यापन के माध्यम से आधार नंबर दर्ज कर पुष्टि की जा रही है। जिन किसानों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी उपलब्ध नहीं है, उनके लिए फेसियल रिकग्निशन के जरिए सत्यापन की सुविधा दी गई है। सत्यापन के बाद किसानों की भूमि डिजिटल रूप से दर्ज की जा रही है, और उनकी फार्मर आईडी पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा भेजी जा रही है।
जिला कलेक्टर ने किया आंगनबाड़ी व स्कूल का निरीक्षण
जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण कर एमसीएचएन डे के तहत टीकाकरण की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और एएनएम को निर्देशित किया कि प्रत्येक टीकाकरण दिवस पर बच्चों की ड्यू लिस्ट अपने पास आवश्यक रूप से रखें ताकि टीकाकरण वाले बच्चों को ट्रैक कर सही समय और सही दिन बुलाया जा सके। इसके बाद उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का दौरा कर शिक्षकों और विद्यार्थियों से शैक्षिक व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इस दौरान उपखंड अधिकारी नीता वसीटा भी उपस्थित रहीं।
किसानों के लिए डिजिटल पहचान और योजनाओं का लाभ होगा आसान : जिला कलक्टर
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