चुनाव से पहले केजरीवाल ने चला जाट आरक्षण का दांव

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का आग्रह किया है। इसके बाद एक प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने कहा कि जाट समुदाय के अलावा 5 जातियां भी राज्य की ओबीसी सूची में हैं लेकिन केंद्र की ओबीसी सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन 5 जातियों को भी केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल किया जाना चाहिए ताकि इन 5 जातियों के युवाओं को केंद्र सरकार के संस्थानों में शिक्षा और रोजगार में समान अवसर मिल सकें।

केजरीवाल ने ऐलान करते हुए कहा कि मैं जाट समुदाय के लिए लड़ूंगा और उन्हें केंद्र से आरक्षण दिलाऊंगा और जो भी जरूरी होगा वो करूंगा। इससे पहले उन्होंने मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि मैं यह पत्र आपको 10 साल पहले एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर किए गए वादे की याद दिलाने के लिए लिख रहा हूं। पिछले कुछ दिनों में, मैंने दिल्ली के जाट समुदाय के कई प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, जिन्होंने केंद्रीय ओबीसी सूची से अपने समुदाय को बाहर किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने आगे लिखा कि इन प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि 26 मार्च 2015 को आपने दिल्ली के जाट समुदाय के प्रतिनिधियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था और उनसे वादा किया था कि दिल्ली की ओबीसी श्रेणी के तहत सूचीबद्ध जाट समुदाय को भी केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। इससे उन्हें केंद्र सरकार के कॉलेजों और दिल्ली में नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बाद में, 8 फरवरी, 2017 को अमित शाह ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के आवास पर दिल्ली और देश भर के जाट नेताओं की एक बैठक बुलाई। उन्होंने वादा किया कि राज्य सूची में सूचीबद्ध ओबीसी समुदायों को केंद्रीय सूची में भी शामिल किया जाएगा।

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