ब्यावर। ब्यावर क्षैत्र के जवाजा ब्लॉक में शिक्षा व्यवस्था एक परेशानी का सामना कर रही है। ब्लॉक की कुल 46 ग्राम पंचायतों व ब्यावर शहर को मिलाकर 83 उच्च माध्यमिक स्कूलों मेे से सिर्फ 13 ग्राम पंचायतों में स्थित उच्च माध्यमिक स्कूलों में ही विज्ञान संकाय उपलब्ध है। इस कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को विज्ञान की पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है जिससे उन्हें और उनके अभिभावकों को भारी परेशानी हो रही है। जवाजा ब्लॉक के ब्यावर शहर में रा.उ.मा.वि. पटेल, गुरूकुल, सनातन धर्म, महात्मा गांधी स्कूल फतेहपुरिया, पीएम श्री छावनी बालिका स्कूल तथा ग्रामीण क्षेत्र की रा.उ.मा.वि. आसन, बडाखेड़ा, बलाड, बराखन, दुर्गावास, जालिया, जवाजा, कोटड़ा, नून्द्री महेन्द्रातान, रावतमाल, सुहावा, टॉडगढ़, महात्मा गांधी स्कूल जवाजा, नून्द्री महेन्द्रातान में ही विज्ञान विषय पढ़ाया जा रहा है। विज्ञान संकाय की कमी से सबसे ज़्यादा प्रभावित ग्रामीण छात्र हैं। हाल के वर्षों में नर्सिंग और एमबीबीएस जैसे मेडिकल क्षेत्रों में छात्रों का रुझान बढ़ा है, लेकिन अपने गांव के पास की स्कूलों में विज्ञान संकाय न होने के कारण उन्हें मजबूरन ब्यावर या जवाजा का रुख करना पड़ रहा है। कई छात्र जो विज्ञान में रुचि रखते हैं लेकिन गांंवों की स्कूलों में उन्हें विज्ञान संकाय की अनुपलब्धता के कारण मजबूरन आर्ट्स विषय लेना पड़ रहा है। इस वजह से आर्ट्स संकाय में छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि विज्ञान में छात्रों को दूर अन्य ग्रामीण स्कूलों की ओर रूख करना पड़ रहा है। जवाजा ब्लॉक के नुन्द्री मालदेव, अतीतमंड, गोहाना, नरबदखेड़ा, मालपुरा, सरविना, राजियावास, कालिंजर व आसपास के क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों के स्कूलों में विज्ञान संकाय नहीं है। यहां के विद्यार्थियों को विज्ञान विषय में अध्ययन के लिए ब्यावर आना होता है या फिर जवाजा के उच्च माध्यमिक स्कूल में दाखिला लेना होता है। इन गांवों में सरकार ने स्कूल तो खोल दिए लेकिन संकाय पूरे नही होने के कारण ग्रामीणों को बच्चो को पढऩे के लिए गांवों से दूर भेजना होता है।

ब्यावर : 83 उच्च माध्यमिक स्कूलों मेे से सिर्फ 13 ग्राम पंचायतों में ही विज्ञान संकाय उपलब्ध, ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को विज्ञान की पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही
ram