बाड़मेर : थार महोत्सव-2025 का आयोजन 8 अक्टूबर से

ram

– बाड़मेर जिला मुख्यालय, किराडू एवं महाबार के धोरे पर कार्यक्रम आयोजित होंगे
– जिला कलक्टर ने थार महोत्सव के लिए समुचित तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
बाड़मेर। पर्यटन विभाग एवं बाड़मेर जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय थार महोत्सव -2025 की शुरुआत 8 अक्टूबर से होगी। जिला कलक्टर टीना डाबी ने थार महोत्सव के आयोजन के लिए अधिकारियों एवं कार्मिकों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि इस बार थार महोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की थीम रंग रेगिस्तान की रहेगी। उन्होंने बताया कि थार महोत्सव की शुरुआत 8 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे गांधी चौक से आदर्श स्टेडियम तक शोभायात्रा से होगी। इसके उपरांत प्रात: 9.30 से 10 बजे तक आदर्श स्टेडियम में उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान गैर नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद प्रात : 10 से दोपहर 1 बजे तक आदर्श स्टेडियम में मिस थार, मिस्टर थार श्री, सुन्दर मूंछ, ऊंट श्रृंगार, पुरुष एवं महिला वर्ग के लिए रस्सा कस्सी, पनिहारी मटका दौड़, ढोल वादन, पंच गौरव खेल के तहत बास्केटबॉल मैच प्रतियोगिता आयोजित होगी। जिला कलक्टर ने बताया कि 8 अक्टूबर को रात्रि 8 से 10 बजे तक आदर्श स्टेडियम में लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक प्रतुतियां दी जाएगी। पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कमलेश्वर सिंह ने बताया कि थार महोत्सव के दूसरे दिन 9 अक्टूबर को पंच गौरव स्थल किराडू में प्रातः 9 से 9.30 बजे तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत प्रात: 9.30 से दोपहर 1 बजे तक ग्रामीण कबड्डी, सतोलिया, दम्पत्ति दौड़, दादा पोता दौड़, रुमाल झपट्टा, मेहन्दी, रंगोली प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसी दिन रात्रि में महाबार के धोरे पर रात्रि 7 से 10 बजे तक लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। उन्होंने बताया कि थार महोत्सव के दौरान राजस्थान के ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। उनके मुताबिक थार महोत्सव के माध्यम से स्थानीय लोक कलाकारों को अधिकाधिक भागीदारी देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम रहेंगे आकर्षण का केंद्र- दो दिवसीय थार महोत्सव के दौरान विश्व विख्यात कालबेलिया नृत्य, घूमर नृत्य, कच्छी घोड़ी, अग्नि नृत्य, तराज़ू नृत्य, गैर, तेरहताली, डेजर्ट सिम्फनी, भवाई नृत्य के साथ राजस्थानी भजन और लोक गायन के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा अलगोजा वादन, ढोल वादन, कठपुतली शो की शानदार प्रस्तुतियों के जरिए राजस्थान एवं थार की लोक कला को बढ़ावा दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *