जयपुर। राजस्थान की राजनीति में इन दिनों असमंजस का माहौल बना हुआ है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के मंत्री पद को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह साफ ही नहीं हो रहा कि मीणा मंत्री हैं या नहीं—न उन्हें कोई विभाग सौंपा जा रहा है, न हटाया जा रहा है। ऐसे में सरकार का यह रुख पूरे प्रदेश में एक कन्फ्यूजन वाला संदेश भेज रहा है।
बीजेपी सरकार के भीतर खींचतान
पायलट का कहना है कि सरकार में आपसी खींचतान इतनी ज्यादा है कि कोई फैसला ही नहीं लिया जा रहा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई व्यक्ति शपथ ले चुका है तो या तो उससे काम करवाया जाए, या फिर उसे पद से मुक्त कर दिया जाए। मगर मौजूदा स्थिति सरकार की असमंजस भरी रणनीति को दर्शाती है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के अंदर ही सत्ता के कई केंद्र बन चुके हैं—दिल्ली, जयपुर और राजस्थान में अलग-अलग धड़े काम कर रहे हैं, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी पर नाराजगी
सचिन पायलट ने हाल ही में विधानसभा में हुई बहस को लेकर भी गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत, जिन्होंने देश के लिए शहादत दी, उनके खिलाफ ओछी और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जाना निंदनीय है।उन्होंने सभी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि भाषा की मर्यादा बनाए रखना जरूरी है। यदि किसी के प्रति सम्मान नहीं दिखा सकते तो कम से कम अभद्र भाषा से बचें।
राज्य में बढ़ते अपराध और सरकार का लचर रवैया
राजस्थान में महिला सुरक्षा के सवाल पर पायलट ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं बची।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सख्ती दिखाने में पूरी तरह विफल रही है और पुलिस पर प्रभावी नियंत्रण न होने के कारण अपराध बढ़ रहे हैं। सिर्फ आश्वासन देने से कुछ नहीं होगा, ठोस कार्रवाई करनी होगी।
कांग्रेस एकजुट, 2028 की तैयारी शुरू
बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए पायलट ने कांग्रेस की स्थिति भी स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में खींचतान जैसी कोई बात नहीं है। हमारी पार्टी ज़मीन से जुड़ी है और जनता के मुद्दे मजबूती से उठा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा।