टोंक। मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला की स्थापना के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जिले की 7 पंचायत समिति में नंदी शाला स्थापना के लिए सोमवार, 17 फरवरी तक नियमों में शिथिलता देते हुए संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ आवेदन आमंत्रित किए गए है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा ने बताया कि नवीन नियमों के तहत 20 बीघा भूमि की जगह स्वयं, सरकारी लीज एवं आवंटन की 10 बीघा एवं 16 हजार वर्ग मीटर भूमि होने पर संस्था की ओर से नंदीशाला खोली जा सकेगी। साथ ही, तीन साल पुराना पंजीकरण भी आवश्यक नहीं होगा। नई पंजीकृत संस्थांए भी आवेदन कर सकेगी। संस्थाओं द्वारा बंद लिफाफे में ऑफलाईन आवेदन किये जा सकेगे। पहले 2 प्रतिशत बोली प्रतिभूति राशि एवं 2.5 प्रतिशत कार्य संपादन प्रतिभूति राशि जमा करने का प्रावधान था अब प्रतिभूति घोषणा एवं कार्य संपादन प्रतिभूति घोषणा पत्र दिया जा सकेगा। संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने बताया कि जिले में पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला में कम से कम 250 नर गोवंश रखने होंगे।
संबंधित चयनित संस्था द्वारा इनकी देखभाल न्यूनतम 20 वर्षों तक करनी होगी। गोपालन विभाग की ओर से 3 वर्ष से छोटे गौवंश को 20 रुपये व 3 वर्ष से बड़े गौवंश को 40 रुपये प्रतिदिन सहायता राशि प्रतिवर्ष 9 माह के लिए दी जाएगी। संयुक्त निदेशक बैरवा ने बताया की निविदा दाता अधिक जानकारी के लिए वेबसाईट एवं कार्यालय में संपर्क कर सकते है। उन्होने बताया कि प्राप्त आवेदनों का चयन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।


