अमरनाथ यात्रा देश की सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में शुमार है, जिसे हर वर्ष हिंदू धर्म के लोग पूरा करते है। अमरनाथ यात्रा के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना हो चुका है। इसमें तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन के लिए रवाना हुए है। ये पवित्र यात्रा, जो 19 अगस्त को समाप्त होगी, सुबह-सुबह दो मार्गों से शुरू हुई, एक अनंतनाग से और दूसरा जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले से शुरु हुई है।
गौरतलब है कि हर साल हज़ारों श्रद्धालु 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की टीमें तैनात की गई हैं। ये यात्रा देश की सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती है। आइए जानते हैं वो कारण जिनकी वजह से ये कठिन मानी जाती है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए गुफा 130000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

अमरनाथ यात्रा है सबसे अधिक कठिन, बर्फीला रास्ता, ऊंचे पहाड़… फिर भी बड़ी संख्या में हर साल जाते हैं तीर्थयात्री
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