उच्चतम न्यायालय ने समय पर फैसले अपलोड न किए जाने की शिकायतों के मद्देनजर बृहस्पतिवार को सभी उच्च न्यायालयों से पिछले वर्ष से अब तक के उन मामलों का ब्योरा देने को कहा जिनमें फैसले सुनाए गए और यह भी बताने को कहा कि किस तारीख को फैसले ऑनलाइन अपलोड किये गए।न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ऐसे मामलों पर संज्ञान लिया जिनमें आदेश सुरक्षित रखे जाने के बावजूद कई वर्षों से फैसले नहीं सुनाए गए हैं। पीठ ने निर्देश दिया कि सभी उच्च न्यायालय 21 जुलाई से पहले आंकड़े प्रस्तुत करें।
पीठ ने निर्देश दिया, ‘‘13 मई, 2025 के हमारे आदेश के क्रम में, सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को एक अतिरिक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें एक जनवरी, 2024 के बाद निर्णय सुनाए जाने की तारीखों और ऐसे निर्णयों को अपलोड किए जाने की तारीखों का पूरा विवरण दिया गया हो। आगामी 31 मई, 2025 तक की यह जानकारी निर्धारित तिथि यानी 21 जुलाई, 2025 से पहले प्रस्तुत की जानी चाहिए।’’ पीठ ने रजिस्ट्री को उच्च न्यायालयों से आंकड़े एकत्र करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।