कन्नौज से चुनाव लड़ने के ‘अंतरद्वंद्व’ में फंसे नजर आ रहे हैं अखिलेश यादव

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रत्याशी चयन के मामले में ही यूटर्न नहीं ले रहे हैं, अपने बारे में भी वह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह चुनाव लड़े या लड़वाये। कल तक जो अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कर रहे थे। अब एक बार फिर उनके बारे में चर्चा है कि अखिलेश कन्नौज से चुनाव लड़ने का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं। आज फिर उन्होंने मीडिया के सामने कन्नौज से चुनाव लड़ने के संकेत दिये। वैसे इससे पहले भी उनके कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन तब सपा अध्यक्ष चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं बताए जा रहे थे, ऐसे में पार्टी इस सीट से प्रत्याशी के नाम को लेकर मंथन करने में जुटी थी, लेकिन अब फिर कन्नौज का सियासी पारा चढ़ गया है।
वैसे इन अटकलों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से बूथ प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में कन्नौज से प्रत्याशी को लेकर चर्चा की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव यदि कन्नौज सीट से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनके चचेरे भाई तेज प्रताप को टिकट दे सकते हैं। कन्नौज में चुनाव प्रभारियों के साथ होने वाली बैठक में उनके नाम पर विचार किया जा सकता है, जिसके बाद इस फैसले पर अंतिम मुहर लग सकती है। पिछले बार कन्नौज सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वो बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गईं थीं। इसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की और सांसद बनीं।

इससे पहले ख़बर थी कि अखिलेश यादव तेज प्रताप यादव को रामपुर लोकसभा सीट से उतार सकते हैं। लेकिन, आजम खान इसके लिए राजी नहीं थे। इधर कन्नौज में सपा कार्यकर्ता चाहते हैं कि अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ें लेकिन, बदली हुई परिस्थितियों में सपा अध्यक्ष चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। उन्होंने अपने करीबी नेताओं को ऐसे संकेत भी दिए हैं। तेज प्रताप यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह के बड़े भाई राजवीर सिंह यादव के बेटे हैं और साल 2014 में मैनपुरी सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिला। तेज प्रताप का लालू यादव से भी संबंध हैं। वो उनके दामाद हैं।

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