नई दिल्ली। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के साथ ही एरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए भी अहम पार्ट्स बनाने वाली कंपनी एयरफ्लोआ रेल टेक्नोलॉजी के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 140 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 90 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 266 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद हुई लिवाली के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी देर में ही उछल कर 279.30 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों का पैसा लगभग डबल हो गया।
एयरफ्लोआ रेल टेक्नोलॉजी का 91.10 करोड़ रुपये का आईपीओ 11से 15 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से भी जोरदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 301.52 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 214.65 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में सिर्फ 349.88 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 330.31 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 65.07 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं।
आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी मशीनरी और नए इक्वीपमेंट की खरीदारी करने, पुराने कर्ज के बोझ को कम करने, अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 14.23 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कंपनी को 95.33 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 122.87 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 60.22 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 63.80 करोड़ रुपये हो गया।
इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 36.75 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 50.99 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।