भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कराची के मलीर कैंटोनमेंट में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट को निशाना बनाया गया था। ऑपरेशन महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने रविवार शाम 11 मई को एक विशेष ब्रीफिंग में यह पुष्टि की। कराची शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित मलीर छावनी में महत्वपूर्ण सैन्य बुनियादी ढांचा है। इस सुविधा पर भारतीय वायुसेना का हमला एक व्यापक अभियान का हिस्सा था जिसका उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों से जुड़े आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था, जो पहलगाम हमले में शामिल थे जिसके परिणामस्वरूप 28 नागरिकों की मौत हो गई थी।
एयर मार्शल भारती ने इस ऑपरेशन को नपा-तुला और मापा हुआ”बताया और इस बात पर जोर दिया कि यह ड्रोन और मिसाइल घुसपैठ और सीमा पार से गोलाबारी सहित पाकिस्तान की लगातार उकसावे वाली हरकतों का जवाब था। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने की क्षमता को कम करना था, जबकि सैन्य लक्ष्यों से आगे बढ़ने से बचना था। वायुसेना ने कहा कि लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम (चीन निर्मित एचक्यू-9 जिसे इजरायल निर्मित हार्पी ड्रोन ने नष्ट कर दिया था) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरांवाला के निकट एक अन्य साइट को भी निशाना बनाया।

ऑपरेशन सिंदूर पर वायुसेना का बड़ा खुलासा, भारत ने पाकिस्तान में कराची के मलीर कैंट एयर डिफेंस साइट पर भी किया था हमला
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