75% मुद्दे सुलझ गए के बाद अब सब कुछ ठीक नहीं, चीन को लेकर अमेरिका में जयशंकर की दो टूक

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध काफी बिगड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्य मुद्दा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने को लेकर है। उन्होंने चार साल पहले एलएसी पर गलवान में हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय मुख्य मुद्दा गश्त करना है। दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा तक कैसे गश्त करते हैं। 2020 के बाद से पैट्रोलिंग में गड़बड़ी हुई है। जयशंकर न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी और एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित ‘भारत, एशिया और विश्व’ नामक एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का चीन के साथ इतिहास मुश्किलों भरा रहा है, जिसमें 1962 का संघर्ष भी शामिल है। युद्ध के बाद राजदूतों को वापस भेजने में हमें 14 साल लगे और एक कार्यप्रणाली पर पहुंचने में 12 साल लग गए। इसका आधार सीमा क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने वाले संबंध विकसित करना था।
मुझे लगता है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए अहम है। एक तरह से आप कह सकते हैं कि अगर दुनिया को बहु-ध्रुवीय बनाना है, तो एशिया को बहु-ध्रुवीय होना होगा। और इसलिए यह रिश्ता न केवल एशिया के भविष्य पर, बल्कि संभवत: दुनिया के भविष्य पर भी असर डालेगा। आपके पास दो ऐसे देश हैं जो आपस में पड़ोसी हैं, वे इस दृष्टि से अनोखे भी हैं कि वे ही एक अरब से अधिक आबादी वाले देश भी हैं, दोनों वैश्विक व्यवस्था में उभर रहे हैं और उनकी सीमा अक्सर अस्पष्ट हैं तथा साथ ही उनकी एक साझा सीमा भी है। इसलिए यह बहुत जटिल मुद्दा है। मुझे लगता है कि अगर आप आज वैश्विक राजनीति में देखें तो भारत और चीन का समानांतर विकास बहुत, बहुत अनोखी समस्या है।

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