आदाह शर्मा बनीं ‘यूथ फॉर चेंज भारत – से नो टू ड्रग्स’ अभियान की चेहरा

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मुंबई। अभिनेत्री आदाह शर्मा को यूथ फॉर चेंज भारत – से नो टू ड्रग्स अभियान का चेहरा घोषित किया गया है। यह एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ व सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस अभियान की शुरुआत इंदौर से हुई, जिसने युवाओं की ऊर्जा और सांस्कृतिक जुड़ाव से प्रेरित एक सशक्त आंदोलन की नींव रखी। अभियान के लिए आदाह शर्मा का चयन एक स्वाभाविक निर्णय माना जा रहा है। वर्षों से उन्होंने विभिन्न फिल्मी शैलियों में काम कर युवा दर्शकों के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाया है। द केरल स्टोरी जैसी गंभीर फिल्मों से लेकर 1920 फ्रेंचाइज़ी में उनकी लोकप्रिय भूमिका, सनफ्लावर और कमांडो में उनके अलग अंदाज़ और रीता सान्याल में कॉमेडी तक—आदाह ने अपनी बेहतरीन बहुमुखी प्रतिभा साबित की है। चाहे तीव्र ड्रामा हो, हॉरर या हल्का-फुल्का मनोरंजन, उनकी परफॉर्मेंस हमेशा दर्शकों के दिल को छू जाती है। अभियान को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए आदाह ने कहा,“मुझे इस अभियान का चेहरा चुने जाने पर बहुत खुशी है। हमने इसकी शुरुआत इंदौर, मध्य प्रदेश से की। हम यह संदेश फैलाना चाहते हैं कि असली मज़ा पैकेट या गोलियों में नहीं होता, बल्कि सबसे बेहतरीन ‘हाई’ नशे से दूर रहकर ज़िंदगी को पूरी तरह महसूस करने में है। ढोल बजाना बिल्कुल अचानक हुआ और मुझे बहुत मज़ा आया।”
लॉन्च इवेंट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आदाह एक स्थानीय बैंड के साथ ढोल बजाती नजर आ रही हैं। यह पल पूरी तरह सहज, ऊर्जावान और स्थानीय संस्कृति से जुड़ा हुआ था—जो आज के युवाओं को खासतौर पर आकर्षित करता है। यह वीडियो रेड कार्पेट और फिल्मी सेट से अलग, आम लोगों के बीच आदाह की सहज कनेक्ट को खूबसूरती से दर्शाता है।
आदाह जो भी करती हैं, वह असली और भरोसेमंद लगता है—कृत्रिम नहीं। यही सच्चापन युवाओं के साथ उनके मजबूत जुड़ाव का कारण है और यही वजह है कि अभियान के आयोजकों ने उन्हें इस पहल का चेहरा बनाया। आदाह आज के युवाओं की वह आवाज़ हैं, जिस पर वे भरोसा करते हैं और जिसे वे सुनना चाहते हैं। सांस्कृतिक अभिव्यक्ति, प्रामाणिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के मेल के साथ वह यूथ फॉर चेंज भारत की भावना को पूरी तरह दर्शाती हैं।
आदाह शर्मा के नेतृत्व में से नो टू ड्रग्स अभियान का लक्ष्य युवाओं को नशे के बजाय जागरूकता, रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति की ओर प्रेरित करना है—यह साबित करते हुए कि सकारात्मक बदलाव न केवल प्रभावशाली हो सकता है, बल्कि प्रेरणादायक और उत्सवपूर्ण भी।

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