अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई को मनाया जाता है। यह दिवस स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को सम्मानित करने तथा उनसे संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमारे लिए नर्सों कि कड़ी मेहनत, लंबे घंटों और भावनात्मक दबाव को स्वीकार करने का एक अवसर है जो हर नर्स के जीवन का हिस्सा है।
स्वास्थ्य सेवा में नर्स की महत्वपूर्ण भूमिका हैं और यह डॉक्टर और रोगी के बीच सबसे आवश्यक कड़ी हैं। नर्सें ही मरीजों की ज़रूरतों को पूरा करती हैं। दिन हो या रात, उनके चेहरे पर हर समय मुस्कराहट देखी जा सकती है जो मरीजों के लिए सम्बल का काम करती है। इसीलिए नर्सों के बारे में कहा जाता है उनकी एक प्यारी सी मुस्कान कठिन से कठिन मुश्किल को आसान कर देती है।
वैसे अस्पताल में कार्यरत सभी लोगों जैसे, डॉक्टरों, नर्सों व अन्य कर्मचारियों के होठों पर हमेशा मुस्कान होनी चाहिए। मानवता की सेवा के लिए नर्सिंग जॉब को सबसे बेहतर माना जाता है। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के बीच नर्सिंग कर्मियों का दायित्व और बढ़ जाता है। समाज को स्वस्थ रखने में नर्सिंग कर्मियों की अहम भूमिका है।
कोरोना जैसे संकट में परिजन और घर की चिंता के बावजूद पूरे उत्साह के साथ मरीजों की सेवा में नर्सिंग कर्मी लगे रहे। कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर से जहां चारों तरफ स्वास्थ्य सेवा चरमरा चुकी थी और कहीं ऑक्सीजन की कमी तो कहीं बेड नहीं मिल रहे थे ऐसे में नर्सिंग स्टाफ ही था जिसे सब को संभालना पड़ता था।
मरीज को एडमिट करने से लेकर डिस्चार्ज करने के दौरान उनकी सेवाएँ महत्वपूर्ण और अमूल्य रही हैं।कहते है चिकित्सक की अपेक्षा नर्स मरीज की बेहतर सेवा करती है। चिकित्सक मरीज को देखकर पर्ची पर दवा आदि लिखकर चला जाता है मगर नर्स हर समय मरीज के पास होती है और उसकी बेहतर देखभाल करती है जिससे मरीज शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करता है। नर्स की यही सेवा भावना मरीज और उसके परिजन याद रखते है।
इसीलिए यह कहा जाता है नर्सिंग कोई व्यवसाय नहीं बल्कि एक सेवा है। जिस प्रकार से परिजन दुख की घड़ी में अपने बीमार व्यक्ति की रक्षा करते है उसी प्रकार से नर्स भी मरीजों की बीमारी के समय सेवा देती है। मरीजों की सेवा करना बहुत बड़ी समाज सेवा है। सेवा भाव से हर व्यक्ति का दिल जीता जा सकता है। अस्पतालों में मरीज देखने के बाद डॉक्टर का काम ज्यादातर खत्म हो जाता है। उसके बाद भर्ती मरीज की सेवा नर्सें ही करती हैं।
सबसे ज्यादा समय नर्सें ही मरीज को देती हैं। इसलिए नर्सों को अपने अंदर सेवा भावना जागृत रखनी चाहिए। जिस प्रकार घर में मां बच्चे की देखभाल करती है ठीक उसी तरह अस्पताल में नर्स मरीज की सेवा कर उसकी बीमारी के इलाज में अहम भूमिका अदा करती है। मरीज के साथ नर्स का सकारात्मक रवैया उसके आधे दुख काट देता है।
नर्स का काम ईश्वरीय कार्य है। वह अस्पताल की ओ०पी०डी० से लेकर जनरल वार्ड, आप्रेशन थियेटर हर जगह दिन-रात सेवा करती हैं। नर्सिंग एक सेवाभाव का कार्य है जिसमें रोगी का उपचार कर उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जाता है। एक अच्छी नर्स केवल मरीज का उपचार ही नहीं करती है, वह उसे स्वस्थ्य होने का भरोसा दिलाकर मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत करने का कार्य भी करती है।
उसकी सेवा भवना सबके लिए एक समान ही होती है। कई बार देखा जाता है अस्पताल में किसी न किसी बात पर मरीज के परिजन नर्सों से भीड़ जाते है और मारपीट तक कर बैठते है। यह अच्छी बात नहीं है। इस बारे में दोनों पक्षों को सूझ्भूझ से काम लेकर अप्रिय स्थिति को टालना चाहिए ताकि अच्छी से अच्छी सेवा के साथ मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटे।
-बाल मुकुन्द ओझा