चन्द्रभागा नदी के पुनरूद्धार के संबंध में जनसंवाद कार्यक्रम हुआ आयोजित

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झालावाड़। झालरापाटन स्थित मोक्षदायिनी एवं महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के तौर पर पहचान रखने वाली चन्द्रभागा नदी के पुनरूद्धार, संरक्षण एवं स्वच्छता हेतु आमजन को जानकारी प्रदान करने तथा उनके सुझाव प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को द्वारिकाधीश मन्दिर प्रांगण में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि चन्द्रभागा नदी का एक धार्मिक महत्व है, यह मानव निर्मित एवं देश की सबसे छोटी नदी है। कार्तिक मास में यहां हजारों की संख्या में श्रृद्धालु स्नान करने आते हैं, इसी कारण इसके पुनरूद्धार के लिए राज्य सरकार द्वारा 11 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस जनसंवाद कार्यक्रम का उद्देश्य जनता को चन्द्रभागा नदी के पुनरूद्धार के लिए तैयार की गई कार्ययोजना से अवगत कराना एवं सुझाव प्राप्त करना है।
जिला कलक्टर ने कहा कि चन्द्रभागा एक बार फिर मुस्कुराएगी। नदी को स्वच्छ व सुन्दर बनाने के लिए जनसहयोग आवश्यक है। बिना जनसहयोग के इसकी स्वच्छता की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। आज हम प्रण लें कि चन्द्रभागा को इसके मूल स्वरूप में लाने के लिए सब मिलकर सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि चन्द्रभागा के पानी में आपका चेहरा दिखे तब इसका मोक्षदायिनी कहलाना सार्थक है।
शेष परिवार शीघ्र सीवरेज कनेक्शन करवाएं
जिला कलक्टर राठौड़ ने कहा कि चन्द्रभागा को स्वच्छ बनाने के लिए जल संसाधन विभाग एवं आरयूआईडीपी द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है। उसके अनुसार झालरापाटन शहर में चन्द्रभागा नदी के एक तरफ वर्तमान में करीब 1 हजार परिवार ऐसे हैं जिन्होंने सीवरेज कनेक्शन नहीं लिया है। चन्द्रभागा को स्वच्छ रखने के लिए सबसे पहले इन परिवारों को सीवरेज कनेक्शन लेना होगा।
नगर पालिका मृत पशुओं को नदी में न डाले
उन्होंने कहा कि चन्द्रभागा नदी में नगर पालिका द्वारा मृत पशुओं की देह को डाला जाता है। साथ ही यहां राख व अस्तियां भी विसर्जित की जाती है। इससे नदी प्रदूषित होती है। उन्होंने नगर पालिका प्रशासन से कहा कि मृत पशुओं की देह के निस्तारण तथा राख व अस्थियों के प्रवाह के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करें ताकि चन्दभागा को दूषित होने से बचाया जा सके।
आगामी 30 मई तक अपने सुझाव दें
स्वागत भाषण जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डी एन शर्मा शर्मा द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा की आमजन चन्द्रभागा के पुनरूद्धार हेतु अपने सुझाव आगामी 30 मई तक जल संसाधन विभाग में सहायक अभियंता कार्यालय में दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त मोबाइल नम्बर 7002489019 पर भी अपने सुझाव भेज सकते हैं। प्राप्त सुझावों को रिवाईज्ड डीपीआर में सम्मिलित किया जाएगा।

इस दौरान उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के पूर्व डीन डॉ. मधुसूदन आचार्य द्वारा नदी के ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व तथा इसके प्रदूषित होने के कारणों के बारे में तथा इसके समाधान के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार गंगा नदी का प्रवाह पूर्व दिशा की ओर है उसी प्रकार चन्द्रभागा नदी का प्रवाह भी पूर्व दिशा की ओर है इसलिए इसे पवित्र नदी माना जाता है।

इस दौरान जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता मुकेश कुमार मालव द्वारा पीपीटी के माध्यम से चंद्रभागा नदी के विकास कार्य हेतु बनाई गई कार्ययोजना एवं तकनीकी जानकारी दी गई। वहीं आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता राम बाबू ने झालरापाटन में चंद्रभागा नदी के आसपास के क्षेत्र में किए जा रहे सीवरेज कार्य की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की।

व्यापार संघ के अध्यक्ष यशोवर्धन बाकलीवाल ने नगर पालिका झालरापाटन के माध्यम से चन्द्रभागा नदी के संरक्षण के लिए पूर्व में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। अंत में नगर पालिका झालरापाटन अध्यक्ष वर्षा चंदवाड़ द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम में पूर्व आरपीएससी चेयरमैन श्याम सुंदर शर्मा, पूर्व विधायक निर्मल कुमार सकलेचा, उपखण्ड अधिकारी अभिषेक चारण, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से डॉ. डी.के. जैन, मण्डल अध्यक्ष महेश बटवानी सहित गणमान्य नागरिक एवं आमजन उपस्थित रहे

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