धौलपुर। संस्कार भारती और मधुकर सेवा संस्थान धौलपुर के संयुक्त तत्वावधान में पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई के जीवन चरित्र पर नाटक का मंचन ऑडिटोरियम नगर परिषद धौलपुर में किया गया।
भारतवर्ष की गौरव गाथा में कई ऐसे पन्ने हैं जिनके बिना वह अधूरा है। इसी कड़ी में नाम आता है मालवा की महारानी अहिल्या बाई होल्कर का जिन्होंने अपने शासन काल में कई ऐसे कार्य किये कि वह ‘पुण्यश्लोक’ कहलाई। उनके किये गए कार्य आज जन जन की प्रेरणा हैं। उनकी 300वीं जन्मशती पर मुंबई की संस्था सहज कलात्मक फाउंडेशन तथा पंत ड्रामा फोरम एवं ड्रामा ड्राफ्टिंग ने ‘पुण्यश्लोक’ नाटक का निर्माण किया। इसके कई प्रदर्शन हो चुके हैं। नाटक दर्शाता है कि किस प्रकार एक स्त्री यदि चाह ले तो परिवार के साथ समाज को भी दिशा दे सकती है। व्यक्ति तभी महत्वपूर्ण बनता है जब उसके कार्य जनानुरूप हो, इसीलिए अहिल्याबाई पुण्यश्लोक कहलाई। सभी कलाकारों ने सधा हुआ अभिनय किया, छोटी अहिल्या ने दर्शकों को विशेष प्रभावित किया। माँ के रूप में प्रीति झा, बूढ़े के रूप में आनंद बहुत प्रभावित करते हैं। बिगडैल लड़के पति की भूमिका में शाश्वत श्रीवास्तव ने जान डाल दी।
नाटक को देखकर दर्शकों की ऑखें नम हो गईं।
नाटक का शुभारंभ देवी अहिल्याबाई के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन अनुराग शर्मा ने किया। धौलपुर पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा अपने माता पिता के साथ उपस्थित रहे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद धौलपुर निवृति आव्हद सोमनाथ, एस डी एम धौलपुर डॉक्टर साधना शर्मा अग्रवाल समाज के अध्यक्ष गिरीश कुमार गर्ग मधुकर सेवा संस्थान के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राधेश्याम गर्ग जिला मंत्री मंजीत, संस्कार भारती के जिला संयोजक मुकेश सूतैल और विविध संगठनों के कार्यकर्ता सपरिवार उपस्थित थे।

अहिल्याबाई के जीवन चरित्र पर नाटक का मंचन हुआ
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