चीनी की उस्तादी को मिला करारा जवाब, 33 सीमा चौकियों को मोर्चे के करीब ले गयी ITBP

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सीमाओं पर चीनी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए भारत हर तरह से तैयारी करता है। इसी कड़ी में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अभियानगत क्षमता बढ़ाने की अपनी योजना के तहत निर्धारित 56 सीमा चौकियों में से 33 को मोर्चे के ‘करीब’ ले गई है और छह नयी बटालियन की तैनाती की है। आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) राहुल रसगोत्रा ने ओडिशा के खोर्धा जिले में आईटीबीपी के 63वें स्थापना दिवस परेड के दौरान यह बात कही। उन्होंने बताया कि लगभग 90,000 कर्मियों वाला अर्द्धसैन्य बल 24 अक्टूबर को अपना वार्षिक स्थापना दिवस मनाता है, लेकिन विभिन्न कारणों से इस औपचारिक समारोह में दो महीने से अधिक की देरी हुई।

महानिदेशक ने कहा कि आईटीबीपी ने भविष्य की योजना तैयार की है और इसके तहत भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुल आईटीबीपी की 56 सीमा चौकियों को अग्रिम मोर्चे के ‘‘करीब’’ ले लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 56 सीमा चौकियों में से 33 को पहले ही सीमा के करीब ले लाया जा चुका है।आईटीबीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि सरकार ने कुछ समय पहले सीमा सुरक्षा कार्यों के लिए सात नयी बटालियन को मंजूरी दी है। इनमें से छह बटालियन अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर तैनात की गई है, जबकि एक को सिक्किम में अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया गया है।

रसगोत्रा ने यह भी कहा कि आईटीबीपी की प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी क्षमताओं की समीक्षा की गई और कुछ ‘‘कमियां’’ पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया कि आगामी आधुनिकीकरण योजना के तहत इन कमियों को दूर किया जाएगा। महानिदेशक ने कहा कि आईटीबीपी अभियान के दौरान सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का भी इस्तेमाल करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजेगी। माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में आईटीबीपी के अभियानों के बारे में महानिदेशक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के सबसे दुर्गम जंगल क्षेत्रों में जल्द ही कुछ अग्रिम ठिकाने बनाए जाएंगे।

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